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फूल की खेती को मिले प्रोत्साहन तो महक उठेगा इलाका

सुपौल। फूल की खेती की इलाके में अपार संभावनाएं, पर सरकारी प्रोत्साहन कुछ भी नहीं। फूल की खेती को अगर

By Edited By: Published: Wed, 04 May 2016 07:49 PM (IST)Updated: Wed, 04 May 2016 07:49 PM (IST)
फूल की खेती को मिले प्रोत्साहन तो महक उठेगा इलाका

सुपौल। फूल की खेती की इलाके में अपार संभावनाएं, पर सरकारी प्रोत्साहन कुछ भी नहीं। फूल की खेती को अगर प्रोत्साहन मिले तो इलाका तो महकेगा ही साथ ही साथ इलाके की आर्थिक समृद्धि भी बढ़ेगी। खुशहाली आएगी, समृद्धि बढ़ेगी और फूल की तरह ही खिल उठेगा कोसी का यह इलाका।

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- विभिन्न आयोजनों पर दिख जाती है फूलों की धमक

वर्तमान समय में फूल की मांग में काफी इजाफा हुआ है। मांगलिक कार्यो से लेकर विभिन्न आयोजनों में फूल की उपस्थिति व धमक दिख ही जाती है। अब तो विभिन्न अवसरों पर सजावट के लिए भी लोग फूल का ही इस्तेमाल करने लगे हैं। नतीजा है कि अपने शहर में भी फूलों की दर्जनों दुकान खुली हुई है और धंधा चकाचक चल रहा है। अब बीती दिवाली को ही देख लीजिये लोगों के घरों पर आर्टिफिसियल फूल की जगह गेंदे की लड़ी दिख रही थी। छठ घाटों पर तो सजावट में फूलों की भूमिका बढ़ चढ़ कर दिख रही थी। इतना ही नहीं शादी-ब्याह के अवसर पर भी मंडप सजाने आदि के लिए फूल का बढ़ चढ़ कर इस्तेमाल हो रहा है। शिलान्यास व उद्घाटन समारोह तो जैसे फूल के बिना होता ही नहीं।

- खेती की अपार संभावनाएं, मिट्टी भी उपयुक्त

कोसी के इस पिछड़े इलाके में फूल के खेती की अपार संभावनाएं हैं। यहां की मिट्टी फूल उत्पादन के लिए उपयुक्त है। वैसे भी लोग अपने घर के बरामदे, अहाते आदि में थोड़ा बहुत फूल तो लगा ही लेते हैं। पर यह शौक के लिए होता है न कि व्यवसाय के लिए। घर के बरामदे व अहाते में लगाये गये फूल तेजी से फलते-फूलते हैं। अगर ढंग से फूल की खेती की जाए तो यह इलाका भी महक उठेगा और यहां के लोगों की भी आर्थिक समृद्धि बढ़ेगी।

- बाहर से मंगाये जाते फूल, कीमत हो जाती दोगुनी

विभिन्न अवसरों पर उपयोग किये जाने वाले फूल फिलवक्त पटना, गया, कटिहार, कलकत्ता, बेगूसराय आदि जगहों से मंगाये जाते हैं। इलाके में पहुंचते-पहुंचते इन फूलों की कीमत खर्च के कारण दोगुनी से भी अधिक हो जाती है। मांग अधिक रहने के कारण फूल के व्यवसायी अधिक कीमत पर भी फूल खरीदने से नहीं हिचकते। लंबी दूरी से फूल मंगाने के कारण 25 फीसदी फूल बर्बाद हो जाते हैं। नतीजा होता है कि फूलों की कीमत काफी उंची हो जाती है। अगर इलाके में फूलों की खेती की जाए तो बेवजह अधिक भाड़े से बचा जा सकेगा और इलाके में फूल की कीमत भी कम रहेगी। सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है। अगर सरकार ध्यान देती है और फूल की खेती को प्रोत्साहन मिलता है तो कोसी का यह इलाका भी फूलों की खुशबू से महक उठेगा।


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