रामपुर पंचायत को दो फाड़ करती है सुरसर
सुपौल। वर्ष 2011 के जनगणना अनुसार 15 हजार 487 आबादी वाले प्रखंड के रामपुर पंचायत को आवागमन की घोर सम
सुपौल। वर्ष 2011 के जनगणना अनुसार 15 हजार 487 आबादी वाले प्रखंड के रामपुर पंचायत को आवागमन की घोर समस्या है। सुरसर नदी के कारण पंचायत के 16 वार्डो में से आठ वार्ड नदी के आर पार बसती है जिनका प्रखंड मुख्यालय तक आवागमन के लिए सीधा सड़क संपर्क नहीं है। पंचायत वासियों को या तो सोहटा होते हुए मोहनपुर कटहरा के रास्ते सुरसर पार पहुंचना होता है। या फिर जर्जर रास्ते से प्रतापनगर अथवा सिमरी घाट को बास चचरी के सहारे पार कर आवागमन करने की विवशता है। पंचायत के पूर्वी सीमावर्ती भाग से चार किमी पक्की सड़क का निर्माण हुआ है जो अररिया जिले के नरपतगंज
प्रखंड में एनएच 57 से जाकर मिलती है। पश्चिमी पार का हाल जानें तो पंचायत के पश्चिमी सीमा को छूते हुए एसएच 91 गुजरी है। इस पार के बस्तियों को जोड़ने वाली सड़कों की स्थिति अत्यंत दयनीय है। जर्जर ईंट सोलिंग सड़क या फिर कच्ची रास्तों का सफ र। भौगोलिक स्थिति की चर्चा करें तो मुख्यालय पंचायत के समीप से प्रारंभ होकर यह पंचायत अररिया सीमा के नरपतगंज प्रखंड से जाकर लगती है। प्रखंड की आधी आबादी बिजली विहीन है और जिन वार्डो में बिजली सुविधा मयस्सर है वहा के लोगों ने इसके लिए धन जन से काफी मेहनत की है। स्वास्थ्य सुविधा के नाम पर पंचायत वासिायों को खास कर ग्रामीण चिकित्सकों अथवा पीएचसी छातापुर व नरपतगंज पर निर्भरता है। शिक्षा के लिए पंचायत में चार मध्य और चार प्राथमिक विद्यालय संचालित है। जबकि छात्रों को हाई स्कूल की शिक्षा ग्रहण करने के लिए नरपतगंज के पिठौरा व हरिहरपुर तक नदी पार कर आवागमन करना पड़ता है। पंचायत में शौचालय निर्माण की दशा अत्यंत दयनीय है। लोहिया
स्वच्छता से लेकर निर्मल भारत अभियान तक की यहा झलक नहीं मिलती और एक बड़ी आबादी खुले में शौच के लिए विवश हो रही है।