Move to Jagran APP

सदानंदपुर बनेगा रेशम उत्पादन का मुख्य केन्द्र: प्रधान सचिव

सुपौल। सदानंदपुर गांव को रेशम उत्पादन का मुख्य उत्पादन केन्द्र बनाया जाएगा। सहरसा-सुपौल जिले के भी श

By Edited By: Published: Wed, 04 May 2016 05:41 PM (IST)Updated: Wed, 04 May 2016 05:41 PM (IST)
सदानंदपुर बनेगा रेशम उत्पादन का मुख्य केन्द्र: प्रधान सचिव

सुपौल। सदानंदपुर गांव को रेशम उत्पादन का मुख्य उत्पादन केन्द्र बनाया जाएगा। सहरसा-सुपौल जिले के भी शहतुत किसान इसी जगह अपना कोकन बेचेंगे। किसानों को तीन दिवसीय प्रशिक्षण देकर रेलिंग मशीन दिया जाएगा। उक्त बातें उद्योग विभाग के प्रधान सचिव डा.एस सिद्धार्थ ने बुधवार को कही। वे सदानंदपुर गांव के नोडल केन्द्रों पर शहतुत किसानों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि यहां के किसान लंबे समय से शहतुत की खेती कर रहे हैं। लेकिन उन्हें आधुनिक सुविधा नहीं दी गई है। जिस कारण उत्पादन में कमी हो रही है। प्रधान सचिव ने कहा कि शहतुत किसानों को गहन प्रशिक्षण दिया जाएगा और उसे इस खेती के प्रति उत्साहित किया जाएगा। आवश्यकता अनुसार नोडल सेंटर बनाये जाएंगे तथा एक माह बाद रेलिंग मशीन दी जाएगी। प्रधान सचिव ने कहा कि शहतुत की खेती सुपौल, सहरसा तथा मधेपुरा जिले के विभिन्न जगहों पर अभी भी हो रही है। इसका और भी विस्तार कराया जाएगा। उन्होंने उपस्थित किसानों से कहा कि वे सभी इस खेती को और बढ़ायें। युवा पीढ़ी भी शहतुत खेती को अपना रोजगार बनावे। बैठक में जिलाधिकारी बैद्यनाथ यादव ने पूरे जिले में हो रहे शहतुत की खेती पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि अभी 27 नोडल सेंटर बने हैं। इसे और बढ़ाने की जरूरत है। डीएम ने किसानों से कहा कि शहतुत के कोकन की बिक्री के लिए भी प्रयास किये जाएंगे। किसानों को लागत के अनुरूप मुनाफा दिलाया जाएगा। उन्होंने उद्योग विभाग के द्वारा किये गये कार्यो की भी चर्चा की। प्रधान सचिव तथा डीएम ने अन्य अधिकारियों के साथ नोनपार गांव के मानवी इंटर प्राइजेज तथा रोनक एग्रो केन्द्र का भी निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मिल मालिकों को कई सुझाव दिये तथा उसे उद्योग बढ़ाने के लिए प्रेरित किया। प्रधान सचिव के साथ परियोजना पदाधिकारी मलवरी दयानाथ झा, उद्योग विस्तार पदाधिकारी शिवकांत राहुल, स्थानीय किसान पप्पू कुमार मेहता, अरविंद कुमार मेहता, गोपाल कुमार, ज्ञानदेव मेहता, रामलखन गुप्ता, अवध नारायण मेहता, मो. अकबर, डोमी मिया, सुशीला देवी, देव नारायण मेहता, सीताराम मेहता, लालदेव मेहता, लक्ष्मण गुप्ता आदि भी थे। जिसके द्वारा शहतुत किसानों के समस्याओं को रखा गया। मालूम हो कि बीते वर्ष न्याय यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सदानंदपुर के किसानों को रेशम धागा उत्पादन हेतु उद्योग लगाने की बातें कही थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.