देखरेख के अभाव में मिनी वाटर पंप हो रहा खराब
सुपौल। कोसी का इलाका होने के वजह से पानी में अत्यधिक मात्रा में आयरन होने के कारण लोगों को शुद्ध पेय
सुपौल। कोसी का इलाका होने के वजह से पानी में अत्यधिक मात्रा में आयरन होने के कारण लोगों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने को ले सरकार ने सौर उर्जा से संचालित होने वाले मिनी वाटर पंप की स्थापना तो की परन्तु पिपरा प्रखंड के विभिन्न गांवों में यह संयंत्र देखभाल के अभाव में उद्देश्य से भटक चुका है। वर्तमान आलम ऐसा है कि साफ-सफाई के अभाव में लोग पानी से परहेज बरत रहे हैं। प्रखंड क्षेत्र स्थित पथरा, निर्मली, कटैया, तुलापट्टी, थुमहा आदि पंचायतों में यह लाखों रूपये की लागत से स्थापित किया गया। विभिन्न एजेंसियों को इस संयंत्र को देखभाल का जिम्मा सौंपा गया। परन्तु वर्तमान में इसकी स्थिति ऐसी बनी हुई है कि साफ-सफाई के अभाव में गंदा पानी इससे निकल रहा है। सबसे बड़ी समस्या साफ-सफाई को लेकर है। कंपनी ने सभी संयंत्रों पर एक गार्ड भी बहाल कर रखा है। टंकी समेत भेट की सफाई भी इन्हीं के जिम्मे हैं। परन्तु समय पर सफाई नहीं होने के कारण कीटाणु युक्त पानी पीने को लोग विवश है। निर्मली गांव के भूपेन्द्र साह, शिवराम मंडल, संतोष कुमार, ब्रजेन्द्र कुमार, राजेश कुमार, विनोद कुमार, प्रभाष चौधरी आदि ने बताया कि सफाई नहीं होने के कारण दूषित पानी पीने को लोग विवश हैं। उपर से चापाकल से निकले पानी में भी गंदा दिखता है। कुल मिलाकर लाखों रूपये की लागत से लगा संयंत्र भी लोगों को शुद्ध पानी देने में असफल साबित हो रहा है।