Move to Jagran APP

न्याय के लिये दर-दर भटक रही है पीड़िता

सुपौल। भीमपुर थाना क्षेत्र के बेलागंज में बीते 12 जुलाई को मारपीट से चोटिल दलित महिला के गर्भ में पल

By Edited By: Published: Fri, 09 Oct 2015 05:03 PM (IST)Updated: Fri, 09 Oct 2015 05:03 PM (IST)

सुपौल। भीमपुर थाना क्षेत्र के बेलागंज में बीते 12 जुलाई को मारपीट से चोटिल दलित महिला के गर्भ में पल रहे जुड़वा बच्चे की एक सप्ताह के भीतर हुई मौत के बाद पीड़िता न्याय के लिए दर दर भटक रही है। मारपीट से अचेत हुई गर्भवती को स्थानीय पुलिस द्वारा तत्काल निजी चिकित्सक के पास भेजा गया जहा उसके कोख में पल रहे एक मृत बच्चे को क्षत विक्षत अवस्था में बाहर निकाला गया। जबकि दूसरा बच्चा पीएचसी में उपचार करा रही माता के घर लौटते ही दम तोड़ गया। बावजूद इसके पुलिस ने मारपीट मात्र का मामला दर्ज कर कार्रवाई के नाम पर खानापूर्ति की और इस जघन्य अपराध के आरोपियों को आसानी से बच निकलने का मौका दिया गया। न्याय मिलने की आस को धूमिल होता देख पीड़िता के परिजन अब न्याय के लिए पुलिस अधीक्षक सुपौल का दरवाजा खटखटा आये हैं। घटना को तीन माह गुजरने को हैं इस दौरान अब तक तीन पुलिस अधीक्षक के समक्ष न्याय की गुहार लगाते थक चुकी पीड़िता की माता सुंदरी देवी बताती हैं कि बीते गुरूवार को ही जनता दरबार से लौट कर आयी है। जबकि इससे पूर्व के दो एसपी साहब को आवेदन दिया गया था लेकिन उनका स्थानातरण हो जाने के कारण कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पायी। बताया कि जनता दरबार में मौजूद नव पदस्थापित पुलिस अधीक्षक ने उनसे आवेदन लिया और मामले की जाच करा कर यथोचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। सुंदरी देवी ने बताया कि जनता दरबार में एसपी द्वारा दिये गये आश्वासन से उन्हें न्याय मिलने की उम्मीद जगी है।

loksabha election banner

------------------

कार्रवाई में बरती गयी लापरवाही

आवेदिका ने जानकारी देते बताया कि मारपीट के तत्काल बाद क्षत विक्षत मृत नवजात को उन्होंने चार दिनों तक इसलिए सहेज कर रखा कि कहीं पुलिस ने मृत्यु का कारण जानने का प्रयास किया तो उन्हें कार्रवाई में मदद मिल सकेगी। लेकिन जानकारी दिये जाने के बावजूद पुलिस ने काफी प्रयास के बाद दर्ज प्राथमिकी में दो दो नवजात के मौत का जिक्र नहीं किया और मामूली मारपीट मात्र की धाराएं अंकित कर आरोपियों को राहत प्रदान की। बताया कि घटना दर घटना की जानकारी देने वे थाना तक पहुंची लेकिन उनके किसी भी बात को गंभीरता से नहीं लिया गया तथा पैरोकारों के दबाव में आकर मामले को रफा-दफा करने का प्रयास किया जा रहा है।

----------------

क्या है मामला

घटना के दिन पड़ोसी बीर प्रसाद मुखिया, परमेश्वरी देवी , विकास मुखिया, रंजीत मुखिया, कैली देवी, उर्मिला देवी सभी मिल कर आवेदिका के जमीन में लगे केला के पेड़ को काट कर गढ्डा खोद रहे थे। जिसे मना करने गयी गर्भवती चंद्रिका देवी व उसकी छोटी बहनों के साथ उक्त लोगों ने गाली गलौज करते हुए मारपीट की और खदेड़ते हुए घर तक पहुंच गये। जहा बेरहमी से गर्भवती के साथ मारपीट की गयी। पीड़ित परिजनों के मुताबिक गर्भवती के पिता व पति मजदूरी के लिए बाहरी प्रदेश गये हुए थे और पीड़िता गर्भवती होने के कारण मायके में ही रह रही थी। घर में पुरूष

सदस्य नहीं रहने के कारण पड़ोसी आरोपियों द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.