गांवों में मच्छरों का प्रकोप
सुपौल। प्रखंड क्षेत्र में मच्छरों का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। आज
सुपौल। प्रखंड क्षेत्र में मच्छरों का प्रकोप इतना बढ़ गया है कि लोगों का जीना मुश्किल कर दिया है। आज से 10 वर्ष पूर्व ग्रामीण क्षेत्रों में मच्छरों से निजात दिलाने के लिए डीडीटी अथवा अन्य दवाईयों का छिड़काव कराया जाता था। परन्तु बदलते समय के साथ सबकुछ बदल सा गया है। इसके लिये कोई अपने को जवाबदेह मानने को तैयार नहीं है। बीमारियों से बचाव के उपाय तो बताये जा रहे हैं लेकिन मूल में जो समस्या बनी हुई है उससे निजात दिलाने की जहमत कोई नहीं उठाता। कहां है लोक स्वास्थ्य का ख्याल। मच्छरों के काटने से तरह-तरह की बीमारियों के फैलने का डर बना रहता है। मलेरिया, डेंगू, इन्सेफ्लाइटिस जैसी बीमारियों का तो वाहक ही मच्छर को माना जाता है। भले ही सरकार बीमारियों से लड़ने का अभियान चला ले लेकिन सच है कि जब तक मच्छरों से निजात नहीं मिल जाती बीमारियों पर काबू पाना कठिन है।