नहीं दिख रहा सुधार
सुपौल। सरकार भले ही महादलितों को उनकी मूलभूत आवश्यकताएं सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक रूप
सुपौल। सरकार भले ही महादलितों को उनकी मूलभूत आवश्यकताएं सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक रूप से सशक्त बनाने के साथ-साथ समाज निर्माण में उनकी पूर्ण सहभागिता हेतु कृत संकल्पित हैं। मगर प्रखंड के टेकुना पंचायत का छिटहा महादलित टोला के हकीकत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य से कोसों दूर है। आज भी 80 के दशक में बनाये गये ठेकेदारों द्वारा लगभग 56 परिवारों के लिए निर्मित इंदिरा आवास योजना से बनाया गया घर उनका बसेरा है। इनमें से अधिकांश घर या तो टूट गए या फिर टूटने के कगार पर है। जिनके घर टूट गए वे तो झोपड़ी बना लिए, जिनके घर बचे हैं उनका आश्रय स्थल तो वहीं है। नियमानुसार इन्हें प्राप्त होने वाले आवास योजना की उन्नयन राशि तक भी इन्हें नहीं दिलाई जा सकी।