'इंगलिश इज फन' जिले में नहीं दिखा पाया कमाल
सुपौल:सरकारी विद्यालयों में बच्चों में अंग्रेजी शिक्षा विकसित करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा चलाया
सुपौल:सरकारी विद्यालयों में बच्चों में अंग्रेजी शिक्षा विकसित करने के उद्देश्य से सरकार द्वारा चलाया गया इंगलिश इज फन कार्यक्रम जिले में कोई कमाल नहीं दिखा पाया। वर्तमान हालात ऐसे हैं कि न ही शिक्षक को पता है और न अधिकारी को कि यह कार्यक्रम चलता भी है या नहीं। बच्चे का अनभिज्ञ रहना तो लाजिमी है ही। हालांकि जब इस कार्यक्रम की शुरूआत की गई थी तो उसी समय से ही यह कार्यक्रम विभागीय उपेक्षा का दंश झेल रहा था। धीरे-धीरे और कमी आती गई और वर्तमान में तो यह योजना बीते दिनों की बात हो गई।
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क्या थी योजना
सरकारी विद्यालयों में अध्ययन रत प्रथम एवं द्वितीय वर्ग के छात्र-छात्राओं को सुगमता पूर्वक अंग्रेजी शिक्षा देने हेतु बिहार शिक्षा परियोजना द्वारा प्रारंभ किए गए इंगलिश इज फन कार्यक्रम के तहत रेडियो के माध्यम से प्रत्येक प्राथमिक एवं मध्य विद्यालय के एक शिक्षक को प्रशिक्षण भी दिया गया था और इसके तहत विद्यालय प्रधान को विद्यालय विकास मद से ब्रांडेड कंपनी का रेडियो खरीदने का आदेश दिया गया था।
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शुरूआती दौर में ही योजना पर लग गया ग्रहण
योजना के प्रारंभ काल से ही इस रेडियो का उपयोग बच्चे के बजाय या तो प्रधान कर रहे थे। या फिर किसी शिक्षक के घर की शोभा बढ़ा रहा था। शिक्षक सहित प्रधानाध्यापक को भी यह पता नहीं कि यह कार्यक्रम कब और किस समय प्रसारित किया जा रहा है।