पूरी नहीं हो सकी आस, लगते रहे कयास
सुपौल। प्रखंड के सभी 13 पंचायतों के सभी गाव को बिजली की चकाचौंध से जोड़ने के उद्देश्य से चलाए गए राजी
सुपौल। प्रखंड के सभी 13 पंचायतों के सभी गाव को बिजली की चकाचौंध से जोड़ने के उद्देश्य से चलाए गए राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना से क्षेत्र के कई गाव को तो बिजली से जोड़ दिया गया। परन्तु कुछ गाव ऐसा भी है जहां न अब तक पोल गड़ा है न वहां के लोगों को उम्मीद है कि मेरे यहां भी बिजली आएगी। अब तो इस गाव के लोग विधानसभा चुनाव में नेता को सबक सिखाने का मन बना लिया है। प्रखंड के 129 गांवों में बिजली पहुंचाने की जिम्मेवारी एसपीएमएल कंपनी को दी गई है। कंपनी द्वारा कई गावों में बिजली पहुंचा दी गई है। लेकिन इसी क्षेत्र के कुछ गाव बिजली से वंचित हैं जबकि विभागीय अनदेखी कहा जाय या गांव के प्रतिनिधियों का विभाग में पहुंच एक गांव को अनदेखी करते हुए बीच में एक गाव को छोड़ कर दूसरे गाव बिजली पहुंच गई। जबकि छोड़े हुए गाव होकर ही बगल से बिजली गुजर गई। उदाहरण को लिया जाए तो देखिए परिकोच व मंगासिहोल के बीच में पड़ता है गिदराही, झ्िागवा गाव इसी गाव के बगल से बिजली गुजरी और इस गाव में पोल तक नहीं गड़ा। यहां के स्थानीय लोग अब हताश हो गए हैं कि विभाग द्वारा सौतेला व्यवहार हमलोगों के साथ किया गया है कि अब बगल के गाव के बिजली की रोशनी देख-देख रहेंगे। कई बार लोगों का आक्रोश भी बढ़ा और विभाग के खिलाफ प्रदर्शन भी किया। जानकारी अनुसार वर्ष 2010 में कार्य योजना तैयार की गई थी तथा कंपनी को 18 माह में जिला के सभी गावों में बिजली पहुंचाने का निर्देश दिया गया था लेकिन अब तक मरौना प्रखंड के कुछ गाव में इसे कोसो दूर देखने को मिल रहा है। इतना ही नहीं राजीव गांधी विद्युतीकरण योजना के तहत बिजली व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए मरौना में भी एक विद्युत उपकेंद्र का निर्माण हुआ और उसे चालू भी किया गया।