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गेहूं में फांका, किसानी पर डाका

जागरण संवाददाता, सुपौल : कोसी क्षेत्र में मौसमी जुआ बन चुकी किसानी पर डाका पड़ने लगा है। कर्ज में जन्

By Edited By: Published: Sun, 19 Apr 2015 06:50 PM (IST)Updated: Sun, 19 Apr 2015 06:50 PM (IST)
गेहूं में फांका, किसानी पर डाका

जागरण संवाददाता, सुपौल : कोसी क्षेत्र में मौसमी जुआ बन चुकी किसानी पर डाका पड़ने लगा है। कर्ज में जन्म लेने व कर्ज में ही मरने के अभिशप्त यहां के किसान जी तोड़ मेहनत कर गेहूं की फसल तो उगाई लेकिन काटने की बारी आई तो पता चला कि जिस फसल में उसने पूंजी लगाई व पसीना बहाया उसमें दाने ही नहीं हैं। दाना विहीन फसल को देख किसानों के कलेजे मुंह को आ गए। वे करे भी तो क्या करे। वैसे किसानों के साथ यह दर्दनाक स्थिति लगभग हर साल उत्पन्न हो जा रही है। किसानों के पास वैसे गेहूं के फसल को खेतों में ही जलाने के सिवा अन्य कोई चारा नहीं बचता। इस साल 14 अप्रैल को सदर प्रखंड के कर्णपुर पंचायत के कुछ किसानों ने गेहूं की फसल में दाना नहीं देख खेत में खड़ी तैयार फसल में ही आग लगा दी। किसानों की मानें तो प्राय: उसी खेत में लगी गेहूं की फसल में दाना नहीं होते जिसमें बाजार से खरीद कर अथवा विभाग से अनुदानित दर पर बीज लेकर बुआई किया गया। घरेलू बीज में इस तरह की शिकायत देखने को नहीं मिलती।

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कहते हैं किसान

किसान मेहनत व पसीना बहा कर तथा लागत लगा कर गेहूं की बुआई खेतों में करते हैं। लेकिन काटने की बारी आती है तो उसमें दाना ही नहीं मिलता। ऐसा बाजारू अथवा सरकारी बीज में ही होता है। किसान को हरसाल इस स्थिति से सामना करना पड़ता है। बावजूद सरकार व विभाग मौन है।

- कृष्णमोहन ठाकुर, भूरा, त्रिवेणीगंज

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जिन किसानों ने घरेलू बीज का प्रयोग किया उसके खेत में गेहूं ठीकठाक रहा। लेकिन जिसने भी बाजार से खरीदकर अथवा सरकारी बीज बोआई की उसके साथ अन्याय हो गया। ऐसे बीज पर सरकार व विभाग को तुरंत ही रोक लगवानी चाहिए।

- अरविन्द कुमार सिंह, बरैल, सुपौल

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गेहूं की फसल ने तो किसानों की कमर ही तोड़ दी है। किसी किसान के खेत से आधी गेहूं की फसल दाने गायब हैं तो किसी के पूरे के पूरे साफ। सरकार को ऐसे मामले को गंभीरता से लेनी चाहिए। अन्यथा जो स्थिति है वैसे में किसान गेहूं के फसल को ही न भूल जाय।

- मुस्तकीम, लाउढ़, सुपौल

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इस बार लगभग चार बीघा में गेहूं की फसल लगाई। जिसमें से एक बैग नया बीज बाजार से खरीद कर बुआई की। लेकिन काफी घाटे का सौदा साबित हुआ। जिस दर से गेहूं की फसल का उत्पादन होना चाहिए। उससे काफी कम हुआ। खेतों में लगे गेहूं के बालियों में दाने नहीं थे।

- मो.नजीम, लाउढ़, सुपौल

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कहते हैं कृषि वैज्ञानिक

गेहूं के बालियों में दाने नहीं होने के कई कारण हैं। जैसे लम्बी अवधि गेहूं को विलंब से बुआई करना, मिट्टी के अंदर पोषक तत्व की कमी, मिट्टी का बीमार होना सहित अन्य है। किसानों को बुआई के समय विभाग से संपर्क कर तकनीकी जानकारी लेनी चाहिए।

- डॉ.मनोज कुमार

कृषि वैज्ञानिक, राघोपुर (सुपौल)


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