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निर्मली अस्पताल: नाम बड़ व दर्शन छोटे

निर्मली(सुपौल),संवाद सहयोगी: सूबे की सरकार मरीजों को बेहतर सुविधा प्रदान करने की दिशा में तत्पर है।

By Edited By: Published: Fri, 19 Dec 2014 06:11 PM (IST)Updated: Fri, 19 Dec 2014 06:11 PM (IST)
निर्मली अस्पताल: नाम बड़ व दर्शन छोटे

निर्मली(सुपौल),संवाद सहयोगी: सूबे की सरकार मरीजों को बेहतर सुविधा प्रदान करने की दिशा में तत्पर है। इसके लिये विभिन्न स्तरों पर प्रयास जारी है। बावजूद इसके सरजमीन पर विभागीय उदासीनता के कारण केवल खानापूरी हो रही है। ज्ञातव्य हो कि निर्मली अनुमंडल मुख्यालय में सूबे के वित्त एवं वाणिज्यकर मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव के द्वारा विगत 10 अक्टूबर 2014 को उद्घाटित अनुमंडलीय अस्पताल दूसरे दिन से ही बंद पड़ा हुआ है। अनजान मरीज भले अनुमंडलीय अस्पताल तक पहुंचते हैं। किन्तु अस्पताल के मुख्य द्वार पर लगे जाफरी को देखकर वापस लौटने को विवश हो रहे हैं। वहीं नगर के थाना चौक के समीप सदियों से स्थापित छह शय्यायुक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र निर्मली जर्जर भवन एवं विभिन्न संसाधनों की कमी के कारण मरीजों को समुचित स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने की दिशा में असफल साबित हो रहा है। अस्पताल के आउट डोर में प्रतिदिन 200 से 300 मरीजों का उपचार होता है। इस परिस्थिति में वैसे आउटडोर मरीजों को अस्पताल से समुचित दवा भी मुहैया कराया जाता रहा है। प्रतिदिन कम से कम 10 गर्भवती महिलाओं का प्रसव कक्ष में होता रहा है। इंडोर में भर्ती मरीजों को पौष्टिक भोजन के नाम पर मात्र खानापूरी हो रही है। देय भोजन में मेनू का अनुपालन नही होना यहा की दिनचर्या है। मौके पर इंडोर कक्ष में एक भी मरीज नहीं दिखा। आउटडोर में उपस्थित दर्जनों मरीज एवं स्थानीय चिकित्सक बताते हैं कि अस्पताल प्रबंधन की ओर से पर्याप्त मात्रा में औषधि मुहैया कराया जा रहा है। एंटी रेबीज की दवा एआरभी एवं एभीएस पर्याप्त मात्रा में है। जीवन रक्षक औषधि में कफ सिरप भी भरपूर मात्रा में उपलब्ध है। इसके साथ ही इस अस्पताल को दो एम्बुलेंस भी है। लेकिन एक एंबूलेंस के चालक व ईएमटी विगत 15 दिसंबर से वाहन चाबी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के जिम्मे सौंप कर गायब है। इसके अलावे दूसरे चलंत एम्बुलेंस में दैनिक रुप से दो चालक व दो ईएमटी कार्यरत है।

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विभिन्न कमियों के बीच अनुमंडलीय अस्पताल का उद्घाटन

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डा. राम प्रसाद मेहता बताते हैं कि अनुमंडलीय अस्पताल के उद्घाटन को लेकर जिले के सिविल सर्जन के द्वारा मौखिक निर्देश के आलोक में स्थानीय चिकित्सक एवं कर्मी उस अस्पताल के उद्घाटन के दिन उपस्थित रहे। लेकिन विभागीय लिखित आदेश नही मिलने की वजह से पुन: सभी दैनिक कार्यकाल स्थल पर कार्यरत है। सरकार के द्वारा उस अस्पताल के लिये चिकित्सकों व कर्मियों का पदस्थापन नही हुआ है। इसको लेकर ही अनुमंडलीय अस्पताल का लाभ मरीजों से दूर है।

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चहारदीवारी विहीन नव निर्मित अनुमंडलीय अस्पताल

उद्घाटन के दूसरे दिन से ही बंद पड़े अनुमंडल अस्पताल को आजतक चहार दीवारी नसीब नहीं हो सकी है। भले ही भवन निर्माण विभाग के द्वारा जिले के विभिन्न अस्पताल व अन्य भवनों को चहारदीवारी के बीच सुरक्षित किया जा रहा है। लेकिन यहा विभाग के द्वारा कुछ ठोस पहल नहीं दिख रहा है। इसी वजह से यह अस्पताल चहार दीवारी विहीन है।

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स्वीकृत पद व कार्यरत बल

- चिकित्सक-7 में 5 कंपाउंडर 2 में 1

- ड्रेसर 2 में 0

- प्रयोगशाला प्रौद्योगिकी 1 में 1

- चतुर्थ वर्गीय लिपिक 12 में 7 -एएनएम 9 में 4

-बीएचडब्ल्यू 2 में 1

-एफपीडब्ल्यू 3 में 1

-सेनिट्री निरीक्षक 1 में 0

-हेल्थ एजूकेटर 1 - 0

-एलएचभी 3 स्वीकृत - 0


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