बदलती सूरत को फिर बिगाड़ जा रहे लोग
सुपौल, जागरण संवाददाता:दीपावली का समय है, लोग अपने घरों की साफ-सफाई में लगे हैं। घर की साफ-सफाई तो ज
सुपौल, जागरण संवाददाता:दीपावली का समय है, लोग अपने घरों की साफ-सफाई में लगे हैं। घर की साफ-सफाई तो जरूरी है ही। किन्तु साफ-सफाई के बाद घरों से निकलने वाला कचरा सड़क किनारे फेंक देना कहां तक उचित है। नगरपरिषद द्वारा सड़क किनारे फेंके जा रहे कूड़े-कचरे को उठा कर शहर की सूरत बदलने की कोशिश तो जारी है। बावजूद खुद लोग ही बिगाड़ जा रहे हैं शहर की सूरत। स्वच्छ भारत-स्वास्थ भारत अभियान को ले फैलाई गई जागरूकता के बावजूद लोग अब भी साफ-सफाई की दिशा में जागरूक नहीं दिख रहे। नतीजा है कि कूड़ेदान रहने के बावजूद लोग कूड़ेदान की बजाय कूड़ेदान के अगल-बगल में कूड़ा-कचरा फेंक कर अपनी समस्या का इतिश्री कर ले रहे हैं। किन्तु वहीं फेंका गया कूड़ा कचरा नगरपरिषद के साथ-साथ लोगों के परेशानी का भी सबब बनता है। कुछ दिन पूर्व दैनिक जागरण में सुपौल-सिहेंश्वर पथ पर कचरे का अंबार संबंधित खबर छपने के बाद नगरपरिषद हरकत में आया और दूसरे ही दिन सड़क से कूड़ा कचरा हटाया गया। किन्तु चार दिन बाद ही स्थिति जस की तस हो गई है। बगल में कूड़ेदान है और कूड़ेदान के बगल में फैला है कूड़ा-कचरा। आखिर ऐसी स्थिति में नगरपरिषद भी क्या करें। साफ-सफाई में है भलाई का नारा लोग जरूर लगा जाते हैं पर इसे मूर्त रूप देने में जागरूकता के अभाव में खुद लोग पिछड़ जा रहे हैं।