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लीड---फर्जी डिग्री पर चार साल से पढ़ा रही मैडम!

By Edited By: Published: Tue, 12 Aug 2014 07:13 PM (IST)Updated: Tue, 12 Aug 2014 07:13 PM (IST)
लीड---फर्जी डिग्री पर चार साल से पढ़ा रही मैडम!

-सबहेड : विभागीय लापरवाही

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-फर्जी डिग्री के आधार बनी बैठी शिक्षिका

-जांच के क्रम में पूर्व जिला शिक्षा अधीक्षक ने दिया था मामला दर्ज करने का आदेश

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कटैया-निर्मली(सुपौल),संवाद सूत्र : पिपरा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत एक महिला शिक्षिका ने न सिर्फ फर्जी डिग्री के सहारे नौकरी पाई, बल्कि वर्ष 2010 से आज तक वेतन भी पाती रही। विडंबना देखिए कि इस फर्जीवाड़ा की जानकारी विभाग को 2011 में ही चल गया। परन्तु उक्त शिक्षिका आज तक अपने पद पर बनी हुई है और वेतन पा रही है। मामला पिपरा प्रखंड स्थित उर्दू प्राथमिक विद्यालय खाप टोला कटैया में पदस्थापित पंचायत शिक्षिका से संबंधित है।

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ये है मामला

- प्रखंड क्षेत्र स्थित कटैया माहे पंचायत में वर्ष 2008 के रिक्ति के आधार पर 2010 में बीबी रहीना खातुन का नियोजन उर्दू विषय में विकलांगता के सीट पर किया गया। नियोजन पश्चात जब वर्ष 2010 में ही जिला शिक्षा अधीक्षक सुपौल ने उक्त शिक्षिका की मौलवी डिग्री का सत्यापन बीएसएमईबी पटना से कराया तो जांचोपरांत डिग्री फर्जी पाई गई। उसके बाद जिला शिक्षा अधीक्षक सुपौल ने अपने पत्रांक 2158 दिनांक 29.12.10 के साथ बोर्ड द्वारा सत्यापित कापी को संलग्न करते हुए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी पिपरा को आदेश देते हुए कहा कि उक्त शिक्षिका की मौलवी डिग्री फर्जी है। अत: पंचायत नियोजन इकाई को अविलंब शिक्षिका का नियोजन रद्द करने के साथ ही संबंधित थाना में मामला दर्ज करने का आदेश दिया। जिला शिक्षा अधीक्षक के पत्र के आलोक में प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ने अपने पत्रांक 166 दिनांक 27.06.11 के माध्यम से संबंधित पंचायत नियोजन इकाई को उक्त शिक्षिका का नियोजन रद्द करने का स्पष्ट आदेश दिया। बावजूद आज तक न ही शिक्षिका का नियोजन रद्द किया जा सका और न ही वेतन रुका।

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विकलांग प्रमाणपत्र भी है फर्जी

उक्त शिक्षिका के नियोजन के समय आंख से विकलांग होने का जो प्रमाण पत्र संलग्न किया है, वह दिनांक 06.08.06 सुपौल सदर अस्पताल से निर्गत किया गया है। उक्त विकलांग प्रमाण पत्र में चिकित्सा पदाधिकारी समेत आवेदिका का हस्ताक्षर तक नहीं है। उक्त शिक्षिका मधेपुरा जिले की वासी है और विकलांग प्रमाण पत्र सुपौल से निर्गत है। जबकि नियोजन के विभाग का नियम था कि जिस जिला के वासी हैं वही का विकलांग पत्र मान्य होगा।

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- कोट -1

हमारे पास आवेदन आया हुआ है। बीईओ से जांच रिपोर्ट मगवायी जा रही है। तत्पश्चात आगे की कार्रवाई की जाएगी।

सुल्तान अहमद

जिला शिक्षा पदाधिकारी

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- कोट-2

मामला पुराना है। अभी तक मेरे संज्ञान में नहीं है। फिर भी देख रहे हैं। यदि ऐसी बात है तो शिक्षिका समेत नियोजन इकाई पर कार्रवाई की जाएगी।

मनोज कुमार वर्मा

प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी

पिपरा


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