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फिटनेस में फेल वाहन दौड़ रहे सरपट

सिवान। जिले की सड़कों पर सुरक्षित यात्रा करना बहुत मुश्किल है। यहां ज्यादातर सड़कों पर

By Edited By: Published: Wed, 07 Dec 2016 03:05 AM (IST)Updated: Wed, 07 Dec 2016 03:05 AM (IST)
फिटनेस में फेल वाहन दौड़ रहे सरपट

सिवान। जिले की सड़कों पर सुरक्षित यात्रा करना बहुत मुश्किल है। यहां ज्यादातर सड़कों पर फिटनेस जांच में फेल वाहन ही दौड़ रहे हैं। इनके चलते दुर्घटनाओं का आंकड़ा बढ़ता है। इन वाहनों के चालकों और मालिकों को न जांच का डर है, न फाइन का। सख्ती होती नहीं।

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तेजी से बढ़ रही है जुगाड़ गाड़ियों की संख्या

हाल के दिनों में शहर से लेकर देहाती इलाकों तक में जुगाड़ गाड़ियों की संख्या तेजी से बढ़ी हैं। इनसे माल ढोने का काम लिया जाता है, सवारियों को भी ढोया जाता है। इन पर अंकुश लगानेवाला कोई नहीं है। न तो इनका पंजीकरण होता है और न ही फिटनेस जांच। शहर में खुलेआम ये वाहन दौड़ रहे हैं। इनके चालक भी ऐसे ही होते हैं। जब वाहन का ही पंजीकरण नहीं है तो ड्राइ¨वग लाइसेंस कैसा।

जांच केंद्र पर नहीं पहुंचते वाहन

जिले में वाहन की फिटनेस जांच के लिए केंद्र बनाया गया है लेकिन इस केंद्र पर शायद ही कोई चालक अपनी मर्जी से वाहन जांच के लिए पहुंचता है। सरकारी वाहनों की फिटनेस जांच समय-समय करानी बाध्यता है, सो वही जाते हैं। प्राइवेट वाहन चालक व उनके मालिक मस्त हैं। दरअसल न तो इनको कभी टोका जाता है, न कड़ाई की जाती है। गोपालगंज-सिवान, सिवान-मैरवा, सिवान-आंदर सहित तमाम सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में जानेवाले सवारी वाहनों की स्थिति कंडम ही है। इनकी धरपकड़ कर जांच कराए जाने से सड़क हादसों में कमी आ सकती है।

पंजीकरण कृषि कार्य के लिए, ट्रैक्टर ढो रहे बालू-ईंट

ज्यादातर ट्रैक्टर ट्राली का पंजीकरण कृषि कार्य के लिए कराया जाता है लेकिन इनमें से अधिकतर का प्रयोग व्यावसायिक ही किया जाता है। ट्रैक्टर ट्राली से ईंट-बालू, सीमेंट आदि की ढुलाई करते कहीं भी देखा जा सकता है। इनके चालकों में से अधिकतर के पास ड्राइ¨वग लाइसेंस नहीं होता। जब किसी ट्रैक्टर को रोककर पूरी जांच की जाए तो हकीकत का पता भी चले लेकिन अभी तक सिवान में इस तरह से किसी ट्रैक्टर की जांच हुई नहीं।

विभाग के हैं अपने तर्क

मोटरयान निरीक्षक राकेश कुमार बताते हैं कि चालान उन्हीं वाहनों का किया जाता है, जिनका रजिस्ट्रेशन हो, जुगाड़ वाहन का रजिस्ट्रेशन नहीं होता है। इसलिए चाहकर भी वे इसे नहीं पकड़ पाते। दूसरी तरफ वे यह भी बताते हैं कि इन वाहनों के चलते राजस्व की क्षति भी हो रही है।

अबतक पकड़े गए 325 से ज्यादा वाहन

जिले में जांच के दौरान अभी तक 325 से ज्यादा व्यावसायिक और मालवाहक गाड़ियों को नियमों के उल्लघंन के मामले में जब्त किया गया और उनका चालान किया गया है। बावजूद इसके कंडम वाहनों की सड़क से कमी नहीं हुई है।

अलग अलग वाहनों पर अलग-अलग चालान के हैं नियम

फिटनेस जांच में फेल पाए जाने पर दो से पांच हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। परमिट फेल होने पर भी दो से पांच हजार रुपये का जुर्माना किया जाता है। इंश्योरेंस फेल होने पर एक हजार, पोल्यूशन फेल पर एक हजार, ड्राइ¨वग लाइसेंस नहीं होने पर पांच सौ से पंद्रह सौ रुपये का जुर्माना है। ओवर लो¨डग पर दो हजार रुपये का जुर्माना है।

राकेश कुमार

मोटरयान निरीक्षक, सिवान


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