पीएफएमएस के माध्यम से एमडीएम की राशि का होगा भुगतान
सिवान। अब एमडीएम में कोई धांधली नहीं चलेगी। इसके लिए केंद्र सरकार एवं मध्याह्न भोजन निदेशालय
सिवान। अब एमडीएम में कोई धांधली नहीं चलेगी। इसके लिए केंद्र सरकार एवं मध्याह्न भोजन निदेशालय सभी स्कूलों की सारी विवरणी को पीएफएमएस (पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम) पर इंट्री करा रहा है। सभी स्कूलों को पांच मई तक का समय दिया गया है। अगर इसके अंदर उनके स्कूल एवं रसोइया, विद्यालय शिक्षा समिति के खाते का विवरण ऑनलाइन पीएफएमएस साइट पर नहीं इंट्री कराया जाता है तो उनको मिलने वाली निधि पर रोक लगा दी जाएगी।
इस सिस्टम से बैंक की बजाए निदेशालय से सीधे स्कूल के खाते में राशि भेजी जाएगी। इस साइट पर विवरणी इंट्री होने से निदेशालय के अधिकारी ऑनलाइन देख सकेंगे कि स्कूल के खाते में एमडीएम की कितनी राशि बची है, कितनी खर्च हुई है, कब-कब खर्च हुई है। राशि एक बार ही निकाल ली गई या जरूरत के हिसाब से निकाल कर खर्च की गई, खाद्यान्न की स्थिति क्या है, कहां राशि है, कहां खाद्यान्न नहीं है। इसमें हेराफेरी करने वाले हेडमास्टरों का भी पता चल जाएगा।
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इंट्री के दौरान बीआरपी करेंगे मेकर का काम, लेखापाल होंगे चेकर
साईट पर ऑनलाइन इंट्री के दौरान प्रखंड साधनसेवी मेकर का काम करेंगे। जबकि जिला लेखा पाल चेकर का काम करेंगे। इनलोगों का भी मोबाइल नंबर, नाम, पद, ई-मेल आइडी सहित पूरा विवरण साईट पर अंकित किया जाएगा।
क्या-क्या करेंगे इंट्री
स्कूल का नाम, पता, विद्यालय शिक्षा समिति के बैंक खाता का नंबर, आइएफसी कोड, रसोइया का नाम, पता, आधार कार्ड नंबर, बैंक खाते में शेष राशि, व्यय की गई राशि सहित पूरा विवरण अंकित होगा। इसकी इंट्री होते ही विभाग के अधिकारी अपने कार्यालय से बैठे-बैठे किसी भी स्कूल में एमडीएम की स्थित का पता ऑनलाइन कर सकते है। रसोइयों के वेतन का भी भुगतान इसी माध्यम से होना है।
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ऐसा होने से एमडीएम में पारदर्शिता आएगी। कोई भी गलती करेगा तो साईट पर अधिकारी देख सकेंगे। साथ ही जहां खाद्यान्न की कमी होगी या राशि की कमी होगी, वहां स्थिति देख कर अविलंब भुगतान कराया जाएगा।
-संघमित्रा वर्मा
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी, एमडीएम
सिवान