मेंहदार महोत्सव की तैयारी तेज, 25 को होगा आयोजन
सिवान। आगामी 25 मार्च को आयोजित मेंहदार महोत्सव को भव्य बनाने के लिए मेंहदार में तैयारियां य
सिवान। आगामी 25 मार्च को आयोजित मेंहदार महोत्सव को भव्य बनाने के लिए मेंहदार में तैयारियां युद्ध स्तर पर की जा रही हैं। तैयारियों को देख इससे इलाके के लोगों में खुशी भी है क्योंकि इस महोत्सव के आयोजन से मेंहदार की छवि प्रदेश के धार्मिक पर्यटन के नक्शे पर उभर कर सामने आएगी। बीडीओ अभिषेक चंदन ने बताया कि महोत्सव को ले पूरे मंदिर परिसर की सफाई कराई जा रही है। इस कार्य में 35 मजदूरों को लगाया गया है। महोत्सव की शाम आरती कार्यक्रम के आयोजन के मद्देनजर कमलदाह सरोवर के मुख्य घाट के समीप सरोवर से जलकुंभी हटाकर समुचित सफाई की जा रही है। मंच, पंडाल व प्रकाश व्यवस्था को दुरुस्त किया जा रहा है। बाबा महेंद्र नाथ मंदिर से लाखों शिव भक्तों की आस्था जुड़ी है। यहां हर शिवरात्रि, सोमवार व शुक्रवार को हजारों शिवभक्त आते हैं। महाशिवरात्रि व पूरे सावन महीने में देशी-विदेशी श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ पड़ता है। लेकिन धार्मिक पर्यटन की असीम संभावनाओं की मौजूदगी के बावजूद इसे पर्यटन के मानचित्र पर अभी तक स्थान नहीं मिल सका है। यहां जन सुविधाओं की घोर कमी है। हालांकि आगामी 25 मार्च को पर्यटन विभाग के तत्वावधान में मेंहदार महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। इससे न सिर्फ मेंहदार की ऐतिहासिक विरासत का संरक्षण होगा, बल्कि पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
जिले के सिसवन प्रखंड में रामगढ़ पंचायत अंतर्गत मेंहदार गांव में स्थित शिव मंदिर का ऐतिहासिक महत्व है। करीब 800 वर्ष पूर्व यहां स्थित गड्ढे के पानी से नेपाल नरेश महेंद्र का कुष्ठ रोग दूर हुआ था। तब राजा ने यहां मंदिर बनवाया व 551 बीघे में सरोवर खुदवाया। यही कारण है कि नेपाल के शिवभक्त भी यहां आते हैं। कमलदह सरोवर की काली तंत्र व पद्मपुराण में भी चर्चा है। आदित्य हृदय स्त्रोत में बाबा महेंद्रनाथ मंदिर की महिमा का गुणगान किया गया है। सदियों बीत जाने के बावजूद बाबा भोलेनाथ के मंदिर व सरोवर का समुचित विकास नहीं हो सका है। सरोवर की सफाई, सरोवर में टापू निर्माण, ओवरब्रिज बनाने की योजना फाइलों में बंद पड़ी है। लाखों रुपये की आमदनी के बावजूद पर्याप्त सुविधाओं का अभाव है। पार्किंग व श्रद्धालुओं के सामान की सुरक्षा की कोई व्यवस्था नहीं है। श्रद्धालुओं को प्रसाद बेचने वाले लोगों की मदद लेने को विवश होना पड़ता है। यहां शौचालय की कमी है। इस ऐतिहासिक स्थान से सात किलोमीटर दूर रसूलपुर बाजार स्थित रेलवे हाल्ट को महेंद्रनाथ हाल्ट बनाया गया है। हालांकि महोत्सव के आयोजन से यहां के लोगों में मेंहदार में समुचित विकास की उम्मीद जगी है।