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महोबा हादसे में मरे लोगों के शव आए गांव, मातम

सिवान। महोबा दुर्घटना में मरे एक ही परिवार के चारों लोगों के शव शनिवार को आए तो गुठ

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 Apr 2017 03:05 AM (IST)Updated: Sun, 30 Apr 2017 03:05 AM (IST)
महोबा हादसे में मरे लोगों के शव आए गांव, मातम

सिवान। महोबा दुर्घटना में मरे एक ही परिवार के चारों लोगों के शव शनिवार को आए तो गुठनी थाना क्षेत्र के भठही मठिया गांव में मातम छा गया। यहां के निवासी दिवाकर भारती (32), पत्नी माया देवी, बेटा विराट (7), पतरू (5) की मौत हुई थी। दिवाकर के मामा छपरा जिले के चपरैठा गांव के निवासी प्रेम गिरी की भी इसी दुर्घटना में मौत हुई है। दुर्घटना गुरुवार को हुई थी। गांव के लोग उसी दिन से दुखी थे। हर जुबान पर इसी की चर्चा हो रही थी।

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शनिवार को सुबह ज्योंही भठहीं गांव में उनका शव पहुंचा तो देखने के लिए सैकड़ों ग्रामीण उनके दरवाजे पर पहुंच गए। एक साथ काले प्लास्टिक में लिपटे चार शवों को देखकर लोगों की आंखों आंसुओं की धारा बहने लगी।

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सांसद ने सांत्वना के साथ दी दस हजार की सहायता

शव आने की सूचना पर सिवान के सांसद ओमप्रकाश यादव भठहीं पहुंचे। वहां उन्होंने पीड़ित परिजन को सांत्वना के साथ ही दस हजार रुपये की आर्थिक सहायता भी दी।

रघुनाथपुर विधायक हरिशंकर यादव, राजद जिलाध्यक्ष परमात्मा राम, पूर्व सांसद मो. शहाबुद्दीन की पत्नी हिना शहाब, गुठनी के प्रखंड प्रमुख कामोद नारायण ¨सह, पूर्व प्रमुख बबन यादव, मुखिया संजय मिश्र भी सांत्वना देने पहुंचे थे।

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तीन दिन से भठहीं में नहीं जले चूल्हे

गुरुवार को दिवाकर, इनकी पत्नी और दोनों बेटों की मौत की खबर सुनते ही पूरे गांव मे सनसनी फैल गई थी। सभी लोग दौड़-दौड़ कर उनके दरवाजे पर जाते थे लेकिन घर पर तो ताला बंद था। उनके चाचा के दरवाजे पर बैठकर स्थिति की जानकारी लेने लगे। ग्रामीणों ने बताया कि दिवाकर के पिता जी नथुनी भारती गांव में ही रहते थे। कुछ दिन पहले अपने बड़े बेटे प्रभाकर के परिवार के पास मुंबई गए थे। जब पता चला कि उनके छोटे बेटे दिवाकर की सड़क दुर्घटना में मृत्यु हो गई है तो वे पछाड़ खाकर गिर पड़े। आस पास के लोग उन्हें लेकर अस्पताल गए, जहां उन्हें इलाज के बाद होश आया।

हेमंती देवी के रोने से सहम गया पूरा गांव

-बेटा, बहू और पोतों के शव देख बेसुध हुई मां

गुठनी : शनिवार को जब गांव में दिवाकर, इनकी पत्नी और दोनों बेटों के शव आए तो ग्रामीणों का कलेजा मानो फट गया। पिता नथुनी भारती शवों को देखते ही मूर्छित हो गए। लोग उन्हें संभालने लगे, तबतक दिवाकर की मां हेमंती देवी बेहोश हो गईं। माता-पिता की यह हालत देखकर पूरा गांव रोने लगा। ग्रामीणों ने बताया कि दिवाकर के बड़े भाई प्रभाकर का भी दुर्घटना में एक हाथ घायल हो गया था। वे भी दिव्यांग हो गए हैं।

दिवाकर गुजरात के अंकेश्वर से पूरे परिवार संग गुठनी के पैतृक घर भठहीं मठिया आ रहे थे। उसी दौरान महोबा में दुर्घटना हो गई थी। दिवाकर भारती का परिवार गुजरात के अंकलेश्वर में रहता था। वहां दिवाकर अपने मामा के ठेकेदारी में हाथ बंटाते थे। दिवाकर बरहज में साली की शादी में शामिल होने आ रहे थे। दिवाकर के पिता नथुनी भारती अपने बड़े बेटे के पास मुंबई दो माह से गए हुए थे। दुर्घटना की खबर पाकर शनिवार को वे भी लौटे।


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