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एलईडी स्क्रीन डिस्प्ले पर लगे घोटाले के दाग

सिवान। निगरानी टीम नगर परिषद में हुए घोटाले की तह में जितनी घुसी, उतने ही नए-नए कारनाम

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 Apr 2017 03:05 AM (IST)Updated: Sun, 30 Apr 2017 03:05 AM (IST)
एलईडी स्क्रीन डिस्प्ले पर लगे घोटाले के दाग

सिवान। निगरानी टीम नगर परिषद में हुए घोटाले की तह में जितनी घुसी, उतने ही नए-नए कारनामे उजागर हुए। एलईडी स्क्रीन डिस्प्ले की भी खरीद नियमों को ताक पर रखकर की गई। टीम ने पाया है कि एक तो इसकी खरीद बिना प्रस्ताव पारित कराए की गई, दूसरे अधिष्ठापना के साथ ही रखरखाव के लिए भी भुगतान कर दिया गया। जबकि आपूर्तिकर्ता फर्म द्वारा मेंटेनेंस का कोई कार्य किया ही नहीं गया।

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निगरानी ने अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट में कहा है कि 10 सितंबर 2012 को नगर परिषद सिवान में आयोजित साधारण बैठक में प्रस्ताव पारित कर निर्णय लिया गया कि आइटी मद में प्राप्त राशि को बिहार वित्त नियमावली के तहत सीमित निविदा आमंत्रित कर कार्रवाई की जाए। इसमें खरीदी जाने वाली सामग्री का जिक्र नहीं है। इस प्रकार एलईडी स्क्रीन डिस्प्ले की खरीद नगर परिषद सिवान के स्थाई सशक्त समिति की साधारण बैठक में बिना स्वीकृति के की गई। यह भी उल्लेख है कि बिहार वित्त संशोधन नियमावली के नियम 131 क्यू में सीमित निविदा के तहत पूछताछ का प्रावधान है लेकिन इस तरीके को तब अपनाया जाता है, जब खरीदे जाने वाले सामानों की कीमत 25 लाख रुपये से कम हो। यहां खरीदे गए एलईडी स्क्रीन डिस्प्ले की कीमत इससे अधिक 34 लाख 69 हजार 17 रुपये है।

निगरानी टीम ने पाया है कि एकरारनामा शर्त-एफ के अनुसार एलईडी स्क्रीन डिस्प्ले का रखरखाव एवं एक वर्ष तक स्वयं आपूर्तिकर्ता आरवी सल्यूशन को करना है। फिर भी नगर परिषद द्वारा मे. आरवी सल्यूशन को दो लाख 51 460 रुपये का अग्रिम भुगतान 12 फरवरी 2014 को ही रखरखाव मद में कर दिया गया। जबकि फर्म द्वारा कोई मेंटेनेंस कार्य किया ही नहीं गया था। यह अनियिमत भुगतान तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी राजीव रंजन प्रकाश ने नगर सभापति बबलू प्रसाद के अनुमोदन के बाद किया है। लिहाजा ये दोनों दोषी हैं। इनके अलावा आपूर्ति करने वाली फर्म मे. आरवी सल्यूशन नोएडा के प्रोपराइटर रीतेश आनंद भी दोषी हैं।

ये एलईडी स्क्रीन डिस्प्ले बोर्ड बबुनिया मोड़, तरवारा मोड़, स्टेशन रोड, समाहरणालय रोड, गोपालगंज मोड़, नगर परिषद भवन, मजहरुल हक बस स्टैंड तथा शहीद सराय कॉम्प्लेक्स में लगवाए गए। इनमें से पांच का भौतिक सत्यापन निगरानी ब्यूरो की जांच टीम ने किया, सब के सब बंद पाए गए।


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