कहने को स्टेट हाइवे, जान जोखिम में डाल चलते लोग
सिवान । बसंतपुर से सिवान जाने वाली स्टेट हाइवे 73 कन्हौली होकर गुजरती है। यहां से एक सड़क गोरेयाकोठी
सिवान । बसंतपुर से सिवान जाने वाली स्टेट हाइवे 73 कन्हौली होकर गुजरती है। यहां से एक सड़क गोरेयाकोठी तथा दूसरी जानकी नगर बाजार की तरफ जाती है। अतीत के अनुभवों से लगता है कि कन्हौली मोड़ जानलेवा हादसों का मोड़ बन गया है। यहां फुटपाथ है ही नहीं तथा मोड़ के उत्तर तरफ काफी गहरी जमीन है जिससे वाहन चालक गाड़ी खड़ा करते समय सड़क किनारे की खाली जमीन का ही इस्तेमाल करते हैं। वहीं बसांव होकर गोरेयाकोठी जाने वाली सड़क के दोनों तरफ फल व मिठाई की दुकानों के कारण सड़क लगभग सिमट चुकी है तथा उत्तर से आने वालों को स्टेट हाइवे नहीं दिखता और खतरा अचानक आ जाता है। दक्षिण के तरफ सब्जी बेचने वालें रोड पकड़ लेते हैं तो उसके पूरब मछली व मुर्गा का बाजार भीड़ लगाने के लिए काफी है। ऐसे में यह बड़ा सवाल हो जाता है कि पैदल यात्री कहां चलें? अंतत: जान जोखिम में डाल बीच सड़क पर चलने के अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं दिखता।
अतिक्रमण हटाने की पहल नहीं
कन्हौली मोड़ से अतिक्रमण हटाने के लिए प्रशासन की तरफ से कोई पहल अब तक नहीं हो सकी है। फुटपाथ विहीन यह सड़क पैदल यात्रियों के लिए कई बार काल बन चुकी है और यात्री दोनों तरफ से अतिक्रमित वाहनों तथा दुकानों के बीच से गुजरते हैं। आमलोगों के स्तर पर जागरूकता का अभाव भी साफ दिखता है।
हठी हैं दुकानदार
नाम नहीं छापने की शर्त पर एक व्यक्ति ने बताया कि यहां के दुकानदार हठी हैं। उनको कौन समझा सकता है। इतना ही नहीं कुछ मनचले भी मोड़ पर अपना वर्चस्व दिखाने के लिए तैयार रहते हैं। पैदल यात्रियों की फिक्र किसी को नहीं है।
कहते हैं लोग :
अब तक कन्हौली मोड़ पर फुटपाथ की व्यवस्था नहीं हो सकी है। वाहन तथा सब्जी, फल की दुकानों के कारण पैदल यात्री हलकान रहते हैं।
पप्पू उर्फ दीपक
जनप्रतिनिधियों की तरफ से अब तक प्रशासन से अतिक्रमण के लिए शिकायत नहीं की गई तथा प्रशासन भी मौन है।
अलीराजा अंसारी
प्रशासन को चाहिए कि फुटपाथ के दुकानदारों के लिए अलग व्यवस्था करें। इससे पैदल यात्रियों को सुविधा मिल सकेगी।
दिनेश शर्मा
दुर्घटना होने पर अतिक्रमण हटाने की बात होती है तथा बाद में लोग खामोश हो जाते हैं। पैदल यात्रियों को जान जोखिम में रहता है।
उमाशंकर राय
प्रशासन को इसके लिए सख्त होना होगा। वाहन इस तरह खड़ा करने से आखिर पैदल यात्री कहां चलेंगे।
असलम
प्रशासन, जनप्रतिनिधि तथा प्रबुद्ध नागरिक मिलकर हल निकाल सकते हैं। हर स्तर पर इच्छा शक्ति की जरूरत है।
जयप्रकाश शर्मा