Move to Jagran APP

खूब लगे ठहाके, लोटपोट होता रहा सिवान

जाटी, सिवान : दैनिक जागरण के कवि सम्मेलन को लेकर महादेवा स्थित बीएम इंटर कालेज परिसर में सोमवार की र

By Edited By: Published: Tue, 26 May 2015 04:42 PM (IST)Updated: Tue, 26 May 2015 04:42 PM (IST)
खूब लगे ठहाके, लोटपोट होता रहा सिवान

जाटी, सिवान : दैनिक जागरण के कवि सम्मेलन को लेकर महादेवा स्थित बीएम इंटर कालेज परिसर में सोमवार की रात ठहाकों की गूंज रही। कवियों की बेहतरीन प्रस्तुतियों पर सिवान के सुधि श्रोता कभी तालियां बजाकर तो कभी ठहाके लगाकर उनका उत्साहव‌र्द्धन करते रहे। उद्घाटन के तुरंत बाद जो रंग जमा वह आधी रात बाद कार्यक्रम खत्म होने तक बना रहा।

loksabha election banner

पहली बार सिवान में प्रस्तुति देने छत्तीसगढ़ से आए और कवि सम्मेलन के अध्यक्ष पद्मश्री सुरेंद्र दूबे को उनकी हास्य रचनाओं के लिए खूब दाद मिली। भाई साहब, मैं किसपर कविता लिखूं जहां संजीदा रही वहीं 'कर, कर, कर-बालिंग कर' ने खूब हंसाया। मोदीजी के भ्रष्टाचार विरोध और शौचालयों के लिए अभियान पर उनकी प्रस्तुति 'खाएंगे न खाने देंगे' पर सब जी खोल कर हंसे। युवा वर्ग के मोबाइल प्रेम से लेकर अपने रंग और पति-पत्नी के चुटीली झड़प ने पंडाल में मौजूद हजारों लोगों को खूब हंसाया।

मुंबई से आए कवि आसकरण अटल की कविता हाइवे के हमदम ने खुले में शौच की कुप्रथा पर संजीदा चोट किया। राजनीतिक दलों के संक्षिप्त नाम को उन्होंने हास्य का पुट देकर लोगों को खूब हंसाया। मीडियाकर्मियों के साक्षात्कार के अंदाज से उन्होंने लोगों को खूब गुदगुदाया।

लंबे समय बाद सिवान आईं लखनऊ की डा.सुमन दूबे की सुरीली आवाज का जादू लोगों के सर चढ़कर बोला। आपके घर में मेहमान हैं बेटियां, टूटे हुए दिलों को मुहब्बत से जोड़ दो और आओ दिलों के राजमहल में राजा-रानी हो जाएं जैसी रचनाओं ने लोगों को खूब संजीदा किया। भोजपुरी विरह रचना 'इ कंगना बोले, सेजिया पर आधी-आधी रतिया..' भी खूब सराही गई।

गोरखपुर से आए और उर्दू अदब के संजीदा शायर डा.कलीम कैसर ने हिंदी रचना 'श्रीरामजी से फिर ये रावण हार जाएगा और 'इश्क ऐसी जबान है प्यारे, जिसे गूंगा भी बोल सकता है' माहौल को संजीदा किया। उनकी बेटी से जुड़ी रचना भी खूब सराही गई।

दिल्ली से आए महेंद्र अजनबी ने राजनीति पर और नेताओं पर चुटीले व्यंग्य किए। पानी टंकी के उद्घाटन के मौके पर एक नेता का भाषण सुनाकर सबको लोटपोट कर दिया। उनकी अन्य रचनाएं भी पसंद की गईं।

हरियाणा से आए मंजीत सिंह ने कार्यक्रम का सुंदर संचालन करने के साथ एक से एक चुटीली रचनाओं के जरिए लोगों को खूब हंसाया। कभी सुरेंद्र दूबे के रंग पर तो कभी डीडीसी रविकांत तिवारी पर टिप्पणियां कर उन्होंने शुरू में ही रंग जमा दिया। पेंटर के नौकर की गलती और गांधी जी रो रहे हैं जैसी रचनाओं ने लोगों को खूब लोटपोट किया।

..पर इन्कार मत करना

अपनी टाइम नहीं है रचना सुनाते पद्मश्री सुरेंद्र दूबे ने कहा कि भले टाइम नहीं है पर अगली बार जब कोई महिला मदद के लिए आवाज लगाए तो इन्कार मत करना, साथ ही जागरण अगले कवि सम्मेलन में बुलावा भेजे तो आने से इन्कार मत करना। इसपर पूरा पंडाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।

निशाने पर रहे डीडीसी

कार्यक्रम के उद्घाटन के अवसर पर अपने भाषण में अपने सांवले रंग और ससुराल में होने वाली आवभगत का जिक्र करने वाले डीडीसी बाद में हास्य कवियों के निशाने पर रहे। जो आया, उनके भाषण पर टिप्पणी करता रहा। इसका उन्होंने और जिला प्रशासन के अन्य अधिकारियों के साथ सिवान की जनता ने खूब लुत्फ उठाया।

पुलिस की चर्चा तक नहीं

कार्यक्रम के समापन के बाद कई लोगों ने जब कहा कि लंबे समय बाद कोई कार्यक्रम हुआ जिसमें पुलिस निशाने पर नहीं रही तो मंच से उतर रहे कवियों के साथ वहां मौजूद पुलिस अधिकारी भी हंस पड़े। एक कवि की टिप्पणी थी, एसपी को मुख्य अतिथि बनाने का कमाल है भाई..।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.