होली पर घर आने लगे 'परदेसी'
जासं, सिवान : होली नजदीक आते ही दिल्ली सहित अन्य महानगरों से आने वालों की तादाद में अचानक इजाफा हो ग
जासं, सिवान : होली नजदीक आते ही दिल्ली सहित अन्य महानगरों से आने वालों की तादाद में अचानक इजाफा हो गया है। पांच दिन बाद होली है और इसे लेकर रोजाना आसपास के हजारों यात्री यहां उतरने लगे हैं। कोई ट्रेन ऐसी नहीं है जिसमें तिल रखने की जगह हो। सबमें भारी भीड़ हो रही है। जिन्हें रिजर्वेशन नहीं मिला उन्हें तो परेशानी हो ही रही है, वे भी कम परेशान नहीं जिन्हें टिकट मिला लेकिन जो ट्रेनों की भीड़ के कारण जैसे-तैसे यात्रा को मजबूर हैं। ऐसे लोगों का कहना है कि बोगियों में बिना रिजर्वेशन वालों की भीड़ से उनका दो-दो महीने पहले से टिकट कटाना व्यर्थ हो जा रहा है। आने वालों में बड़ी संख्या सपरिवार लौटने वालों की है। हालांकि लोगों का कहना है कि अब त्योहार पर, खासकर होली में बाहर से सपरिवार आने वालों की संख्या में कमी आई है क्योंकि मार्च में बच्चों की परीक्षाएं होती हैं और बाहर रहने वालों में ऐसे लोगों की तादाद कम नहीं जो बच्चों की पढ़ाई को अहमियत देते हैं।
रेलवे सूत्रों के मुताबिक अभी बाहर से आने वाली हर गाड़ी में यात्रियों की ठेलमठेल मची है। कई यात्री जो सिवान तक सीधी ट्रेन न मिलने के कारण छपरा होकर आ रहे हैं वे भी छपरा से या तो अपने घर के लिए सीधे वहीं से प्रस्थान कर रहे हैं या फिर सिवान आकर यहां से गंतव्य की ओर रवाना होते हैं।
जहरखुरानी गिरोह भी सक्रिय
बाहर से आने वालों में ज्यादा संख्या अकेले या ग्रुप में आने वाले युवकों की है। ये होली में बाहर से अच्छा खासा पैसा लेकर गांव आते हैं लिहाजा जहरखुरानी गिरोह के सदस्यों की भी इनपर नजर है। इसे लेकर रेलवे भी यात्रियों को जागरूक कर रहा है। अनजान यात्रियों से खाने पीने की कोई चीज न लेने का आग्रह करने के साथ किसी अनजान पर भरोसा न करने की सलाह भी यात्रियों को दी जा रही है।
जंक्शन परिसर के वाहन मालिकों की चांदी
सपरिवार आने वाले यात्री यहां से अपने गांव के लिए सीधी गाड़ी बुक करते हैं जिसे लेकर इनदिनों स्टेशन परिसर में गाड़ी लगाने वालों की आमदनी काफी बढ़ गई है। भगवानपुर हाट के एक रेलयात्री ने बताया कि जंक्शन परिसर में मोलतोल भी खूब हो रहा है। एक वाहनचालक ने बताया कि लगन के कारण गाड़ियां शादी ब्याह में बुक हैं। इसे लेकर परिसर में गाड़ियों की संख्या में कमी भी आ रही है। टेंपू से भी डायरेक्ट सवारी का क्रेज अभी बढ़ृा है।