काल डिटेल नहीं आने पर होगी अवमानना की कार्रवाई
जासं, सिवान : सहोदर भाईयों के अपहरण व हत्या से जुड़े तेजाब मामले में शुक्रवार को मंडल कारा में गठित व
जासं, सिवान : सहोदर भाईयों के अपहरण व हत्या से जुड़े तेजाब मामले में शुक्रवार को मंडल कारा में गठित विशेष अदालत के विशेष सत्र न्यायाधीश अजय कुमार श्रीवास्तव की अदालत ने काल डिटेल पर सुनवाई करते हुए बीएसएनएल पदाधिकारी को ब्योरे के साथ सदेह उपस्थित होने का आदेश पारित किया है। अभियोजन द्वारा वांछित बीएसएनएल मोबाइल नंबर का ब्योरा पदाधिकारी को गत तिथि को ही प्रस्तुत करना था लेकिन बीएसएनएल द्वारा ब्योरा प्रस्तुत नहीं किया गया। समय सीमा को लेकर तकनीकी आधार पर गत तिथि को अदालत ने मामले में सुनवाई करते हुए शुक्रवार की तिथि निर्धारित कर दी थी। शुक्रवार को भी काल डिटेल का ब्योरा नहीं आने पर अदालत ने उक्त आदेश पारित करते हुए स्पष्ट किया है कि अगर निर्धारित तिथि तक पदाधिकारी अदालत में उपस्थित होकर आदेश का अनुपालन नहीं करते हैं तो उनके विरुद्ध कोर्ट के अवमानना की कार्रवाई की जाएगी।
ज्ञात रहे कि कांड के चश्मदीद के चश्मदीद गवाह राजीव रौशन के बयान के आधार पर अभियोजन ने बीएसएनएल सिम का ब्योरा मांगा था। बताया जाता है कि राजीव रौशन ने अपने बयान में मोबाइल पर जेल से धमकी व रकम देने का कथन का जिक्र किया था। अभियोजन साक्ष्य के रूप में उक्त मोबाइल के ब्योरों को न्यायहित में आवश्यक बताते हुए तलब करने का निवेदन अदालत से किया था। हालांकि बचाव पक्ष की ओर से आपत्ति दर्ज कराई गई थी। अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के पश्चात उक्त सीम का ब्योरा प्रस्तुत करने का आदेश दिया था। शुक्रवार को भी ब्योरा प्राप्त नहीं होने पर अदालत ने पांच फरवरी तक पदाधिकारी को ब्योरा के साथ सदेह उपस्थित होकर स्थिति स्पष्ट करने का आदेश दिया है। इसी अदालत में जेल से बरामद मोबाइल को साक्ष्य के रूप में ग्रहण करने से जुड़े आवेदन पर भी सुनवाई हुई।
विदित रहे कि शहर के व्यवसायी चन्द्रशेखर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के दो पुत्रों के अपहरण सह हत्या से जुड़े एवं तेजाब कांड से चर्चित सेशन मामला 158/10 में अपहृतों का बड़ा भाई राजीव रौशन चश्मदीद गवाह था। मामले में विचारण के दौरान राजीव रौशन की भी हत्या हो गई। पूर्व में चश्मदीद राजीव रौशन ने अपने बयान में धमकी और रकम देने की बात अदालत के समक्ष कही थी। अदालत में अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक जयप्रकाश सिंह, सहयोगी अधिवक्ता रघुवर सिंह के अलावा बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता अभय कुमार राजन, मो. मोबीन एवं उत्तीम मियां उपस्थित थे।