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बिहार बंद को ले माले ने रोकी ट्रेन

जासं, सिवान : आठ सूत्री मांग को ले बिहार राज्य अनुबंध मानदेय नियोजित सेवा कर्मी संयुक्त मोर्चा के बि

By Edited By: Published: Mon, 22 Dec 2014 05:22 PM (IST)Updated: Mon, 22 Dec 2014 05:22 PM (IST)

जासं, सिवान : आठ सूत्री मांग को ले बिहार राज्य अनुबंध मानदेय नियोजित सेवा कर्मी संयुक्त मोर्चा के बिहार बंद का जिले में मिश्रित असर दिखा। माले, इनौस, ऐपवा व आइस कार्यकर्ताओं ने एकता दिखाते हुए पार्टी कार्यालय से विशाल जुलूस निकाला। इसके बाद बंदी का समर्थन करते हुए रेलवे स्टेशन पहुंच भटनी पैसेंजर को घंटों रोके प्रदर्शन किया। इसके बाद राज्य व केन्द्र सरकार संबोधित मांगों का ज्ञापन सौंपा।

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भाकपा माले पार्टी कार्यालय से निकला जुलूस जेपी चौक, बबुनिया रोड होते हुए रेलवे स्टेशन पहुंचा जहां बंदी के समर्थन में छपरा-भटनी पैसेंजर ट्रेन को आधे घंटे तक रोके रखा गया। इस दौरान मौके पर पहुंचे रेलवे अधिकारियों को केन्द्र व राज्य सरकार को संबंधित आठ सूत्री मांग पत्र सौंपा। इसके बाद स्टेशन परिसर में ही सभा की। सभा को संबोधित करते हुए जिला सचिव इन्द्रजीत चौरसिया ने कहा कि वैश्वीकरण उदारीकरण व निजीकरण की नीति जबसे लागू हुई है तबसे लगातार स्थायी बहाली बंद है और चाहे रसोईयों, आशा कर्मियों की बहाली हो हर क्षेत्र में ठेका पर बहाली हो रही है। इस प्रथा को अगर रोकना है तो केन्द्र व राज्य सरकार दोनों को हटाना होगा और लाल झंडा की ताकतों को सामने लाना होगा। बंदी में भाकपा माले राज्य कमेटी सदस्य नैमुद्दीन अंसारी, ऐपवा की जिला सचिव सोहिला गुप्ता, अध्यक्ष मालती राम, इनौस के जिलाध्यक्ष योगेन्द्र यादव, सचिव सुजीत सुमानी, आइसा के जयशंकर प्रसाद, प्रो. जमील सहित सैकड़ों की संख्या में कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

इन मांगों को ले किया बंदी का समर्थन

अनुबंध मानदेय आधारित नियोजन नीति को समाप्त करने, तमाम सेवा कर्मियों को नियमित स्थायी नियुक्ति करने, सामान काम के लिए सामान वेतनमान, नियमित भुगतान करने, अनुबंध-मानदेय नियोजित सेवा कर्मियों के प्रतिनिधि संगठनों को ट्रेड यूनियन एक्ट सेवा संघों की मान्यता नियमावली के अंतर्गत निबंधन व मान्यता प्राप्त देन, आंदोलन के क्रम में की गई तमाम दमनात्मक कार्रवाई व मुकदमा वापस लेने, वेतन में कटौती, बर्खास्तगी आदि को अविलंब वापस लेने की मांग की।


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