फायरिंग के बाद दपनी में दहशत का माहौल
संसू, हसनपुरा (सिवान) : एमएच नगर के दपनी गांव में मंगलवार की रात डकैती की घटना को लेकर इलाके में सनस
संसू, हसनपुरा (सिवान) : एमएच नगर के दपनी गांव में मंगलवार की रात डकैती की घटना को लेकर इलाके में सनसनी मची रही। डकैतों के आने की सूचना पर मची गहमागहमी में लोगों ने इन्हें घेरने की रणनीति बनाई तो डकैत यह नहीं समझ पाए कि गांव के लोग दिलेर हैं। इसी का नतीजा रहा कि जब अपराधी खदेड़े गए तो उनके गोली चलाने का भी कोई असर नहीं हुआ। ईंट का जवाब लोगों ने पत्थर से दिया और जिस अपराधी ने एक ग्रामीण को जख्मी किया उसे लोगों ने मौत की नींद ही सुला दिया।
इधर गांव के एक आदमी को डकैतों की गोली लगने की सूचना मिलने पर पूरे गांव में कोहराम की स्थिति बन पड़ी। जिस किसी को गोली लगने की सूचना मिलती वह सीधा भागते हुए घटना स्थल की ओर जा रहा था। हर घर की महिला आशंकित थी कि कहीं उसके घर के सदस्य को गोली न लगी हो। इसे लेकर दपनी गांव में पूरी अफरा-तफरी का माहौल व्याप्त रहा। पूरे गांव में रात भर ग्रामीण जगते रहे।
डकैती वाले मकान में रहते थे दो पट्टीदार
डकैती में घायल उपेन्द्र महतो के मकान में दो परिवार रहते है। बंगाली महतो व केशव महतो के दो-दो बेटे हैं। श्रवण व सुरेश कुमार बंगाली महतो के व उपेन्द्र व नागेन्द्र महतो केशव महतो के बेटे हैं। मंगलवार की रात घर के सभी सदस्य गहरी नींद में सो रहे थे। इसी दौरान खटपट की आवाज हुई। उपेन्द्र जगे, लेकिन आंगन में उन्हें कोई नहीं दिखा। इसके बाद मुख्य दरवाजा खोला तो अवाक रह गए। आधा दर्जन से अधिक लोग खड़े थे जिनका चेहरा ढका हुआ था। अभी वह कुछ समझ पाते कि उन्हें अपराधियों ने कब्जे में करके जख्मी कर दिया जिससे वह अचेतावस्था में चले गए। इसके बाद हथियार के बल पर परिवार को बंधक बनाते हुए डकैतों ने एक-एक कीमती सामान अपने कब्जे में कर लिया।
पीछा न हो इसलिए की थी फायरिंग
दपनी गांव निवासी उपेन्द्र के घर डकैत बड़े ही आराम से डकैती कर बाहर निकले। उन्हें डर था कि कहीं गृह स्वामी शोर न मचाना शुरू कर दें। लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाते हुए उन्हें खदेड़ना शुरू कर दिया। उनको जाता देख उपेन्द्र के घर के सदस्यों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। इसके बाद डकैत भागने लगे। तब वे जिस हाल में थे उसी हाल में डकैतों के पीछे दौड़ पड़े।
गोली मारने वाला ही दबोचा गया
प्रत्यक्षदर्शियों की मानें तो सभी अपराधियों के पास हथियार थे। जब ग्रामीणों ने उन्हें खदेड़ा तो भागने में लड़खड़ाते एक अपराधी ने फायरिंग शुरू कर दी। उसने उठने से पहले दो फायर किए। एक गोली ग्रामीण गोपीनाथ महतो को लगी। दूसरा निशाना चूक गया। गोपीनाथ को गोली लगते ही कई ग्रामीण जहां थे वहीं रुक गए। इसके बार डकैत ने और फायर करना चाहा लेकिन गोली खत्म होने के चलते फायर नहीं हो सका। गोली समाप्त होता देख अन्य ग्रामीणों ने हिम्मत जुटाई और उसे पकड़ कर पिटाई शुरू कर दी। ग्रामीण उसे तक तक मारते रहे जब तक वह अचेत न हो गया। इसके बाद मृत समझ उसे छोड़ दिया और पुलिस को सूचना दी। उक्त डकैत को सदर अस्पताल में मृत घोषित कर दिया गया। उसकी पहचान सारण जिले के रसूलपुर थानाक्षेत्र के बलियाकोठी गांव निवासी शर्मा पांडेय के पुत्र गौतम पांडेय के रूप में हुई। रसूलपुर थानाध्यक्ष ने बताया कि गौतम पांडेय के विरुद्ध विभिन्न थानाक्षेत्रों में दर्जनों मामले दर्ज हैं। वह करीब चार साल से फरार था और उसकी छपरा पुलिस को तलाश थी।
गहने व नगदी छोड़ अन्य सामानों को खेत में फेंका
भागने के क्रम में एक साथी को ग्रामीणों की गिरफ्त में आता देख डकैत परेशान हो उठे। पहले तो उन्होंने उसे बचाने की चेष्टा करते हुए पीछे की तरफ लौटने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीणों का हुजूम देख वह गहने व नगदी पास रखते हुए अन्य सामानों को खेत में फेंकते हुए ग्रामीणों की आंख से ओझल हो गए।
पुलिस को मिले कई क्लू, कई जगह चल रही छापेमारी
ग्रामीणों की पिटाई से गंभीर रुप से घायल डकैत को पुलिस ने इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया। जहां नगर इंस्पेक्टर सहित अन्य पदाधिकारी पहुंच गए। उन्होंने डकैत से उसके साथियों का नाम जानना चाहा तो उसने कई क्लू पुलिस को दिये। जिसके बाद पुलिस कई स्थानों को चिह्नित कर छापेमारी में जुट गई।