नहीं मिल रहा एमडीएम योजना के 9.54 करोड़ का हिसाब
मध्याह्न भोजन योजना अन्तर्गत पिछले पांच वर्षों में स्कूलों को उपलब्ध कराई गई राशि के आलोक में करीब 9 करोड़ 54 लाख का हिसाब नहीं मिल रहा है।
सीतामढ़ी। मध्याह्न भोजन योजना अन्तर्गत पिछले पांच वर्षों में स्कूलों को उपलब्ध कराई गई राशि के आलोक में करीब 9 करोड़ 54 लाख का हिसाब नहीं मिल रहा है। लेखा परीक्षण दल को जब उक्त राशि का हिसाब नहीं दिया गया तो उन्होंने अंकेक्षण कार्य पर रोक लगाते हुए उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। मामले को गंभीरता से लेते हुए डीपीओ मध्याह्न भोजन जयशंकर ठाकुर ने शिविर आयोजित कर संबंधित बीईओ को संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापकों को उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। कहा है कि अगर शिविर में उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो उक्त राशि का गबन समझा जाएगा। गबन के आरोप में संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। डीपीओ श्री ठाकुर ने बताया कि 15 दिसम्बर को सीतामढ़ी सदर अनुमंडल से संबंधित स्कूल के प्रधानाध्यापकों को उपयोगिता प्रमाण पत्र उपलब्ध कराने का आदेश दिया गया है। वहीं 16 दिसम्बर को बेलसंड व पुपरी अनुमंडल स्थित स्कूल के प्रधानाध्यापकों को उपयोगिता प्रमाण पत्र जमा कराने का आदेश दिया गया है। डीपीओ ने कहा है कि निर्धारित तिथि को उपयोगिता अप्राप्त रहने की स्थिति में माना जाएगा के कि प्राप्त राशि के विरुद्ध व्यय नहीं किया गया है और राशि का गबन कर लिया गया है। राशि गबन किए जाने के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्रवाई की जाएगी। डीपीओ ने बताया कि वर्ष 2010 से 2015 तक का उपयोगिता मांगा गया है। जिसम ं थाली क्रय मद में 1 करोड़ 84 लाख, मैट मद के 30 लाख, ट्रंक मद के 4 करोड़, कोठ क्रय मद के 12 लाख, किचेन शेड मरम्मति मद के 74 लाख का हिसाब नहीं मिल रहा है।