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विकास की इबादत लिख रहा सीतामढ़ी

By Edited By: Published: Mon, 10 Dec 2012 08:55 PM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2012 08:59 PM (IST)

सीतामढ़ी, जागरण प्रतिनिधि: मां जानकी की जन्म भूमि के साथ हिमालय की वादियों व पड़ोसी देश नेपाल से सटे सीतामढ़ी को 11 दिसंबर 1972 को जिला का दर्जा मिला। स्थापना के 41 वर्ष के सफर में जिले ने बहुत कुछ पाया है तो खोया भी है। बागमती नदी की गोद में बसे इस जिला को विभाजन भी झेलना पड़ा। जिले का एक अनुमंडल शिवहर कटकर जिले के रूप में नक्शे पर आया। विकास के आधार पर स्थापित सीतामढ़ी पहले मुजफ्फरपुर जिला में शामिल था। जिस समय जिले की स्थापना हुई, तब यहां मां जानकी की जन्मस्थली समेत कई धार्मिक व पौराणिक स्थल ही थे। इसके अलावा अंग्रेजी हुकूमत की कुछ अवशेष, व गिने चुने शैक्षणिक संस्थान थे। पहले यहां नील की खेती होती थी। जिला मुख्यालय से शहर तक सड़क के दोनों तरफ जंगली वृक्ष थे। जिले का दर्जा मिलने के बाद उम्मीदों के पुल बने, जिंदगी की रफ्तार के लिए सड़के बनी, शिक्षा का इंद्रधनुषी छटा सामने आया। स्कूल, कालेज खुले, इंजिनियरिंग कालेज, पालिटेक्निक स्कूल व मेडिकल कालेज की स्थापना की कवायद भी जारी है। रेलमार्ग बने, सीतामढ़ी स्टेशन को जंक्शन का दर्जा मिला। सीतामढ़ी-मुजफ्फरपुर नई रेल मार्ग का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। वहीं दरभंगा-सीतामढ़ी व सीतामढ़ी से बैरगनिया के बीच आमान परिव‌र्त्तन हुआ है। बैरगनिया - छौड़ादानों के बीच अब ट्रेन चलने का इंतजार है। 40 वर्षो में चार स्टेशन व पांच हाल्ट बने है। कई नई रेल परियोजनाओं को मंजूरी मिली है। बाढ़ का कहर झेलते जिलावासियों को कटौझा, बंशी चाचा पुल ढ़ेंग व डुब्बा घाट पुल तोहफा भी मिला है। मारड़घाट पर पुल का निर्माण हो चूका है। इसके अलावा कई नदियों पर बड़े व छोटे पुल बने है। पूरे जिले में गांव - गांव तक सड़कों का जाल बिछ गया है। कई सरकारी भवन बने है। बिजली की व्यवस्था को मजबूत बनाने की पहल जारी है। जिले ने स्वास्थ्य व्यवस्था में नया मुकाम बनाया है। जिला बनने के पूर्व यहां महज चार पीएचसी थे, अब इनकी संख्या 17 है। स्वास्थ्य सेवा हाईटेक हो चली है। गांव-गांव तक इलाज की व्यवस्था है। रोशनी से गांव नहा रहा है। पशुपालन व कृषि व्यवस्था भी विकास की राह में है। नदियों पर बांध व बराज का निर्माण हुआ है। सिंचाई की व्यवस्था हुयी है। वर्ष 1972 में 8 प्रखंड थे अब 17 है। एक नगर परिषद था। वर्तमान में एक नगर परिषद के साथ डुमरा, पुपरी, बैरगनिया व बेलसंड समेत चार नगर पंचायत है। सुरसंड को नगर पंचायत का दर्जा देने की कवायद जारी है। राज्य सरकार ने सीतामढ़ी को पर्यटक स्थल का दर्जा प्रदान किया है। अब केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने की प्रतीक्षा है। जेल, पुलिस लाईन, समाहरणालय, न्यायालय, पोस्ट आफिस, स्टेडियम, दूरदर्शन रिले केंद्र, नगर उद्यान आदि सरकारी भवन व आवासीय कालोनी का निर्माण हुआ है। जिले में पिछले 7 वर्षो में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, बिजली, नारी शिक्षा व नारी सशक्तिकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है। , मनरेगा, मुख्य मंत्री साइकिल योजना, पोशाक योजना, अंत्योदय व अन्नपूर्णा योजना, वृद्धा पेंशन, समाजिक सुरक्षा पेंशन, केसीसी, किसान ऋण समेत विभिन्न योजनाओं से लोग लाभान्वित हुए है।

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