जलजमाव की गिरफ्त में जानकी मंदिर
सीतामढ़ी। एक ओर जहां पूरे जिले में स्वच्छता का अभियान चलाया जा रहा है, जिले को खुले में शौचमुक्त करन
सीतामढ़ी। एक ओर जहां पूरे जिले में स्वच्छता का अभियान चलाया जा रहा है, जिले को खुले में शौचमुक्त करने की दिशा में बस थोड़ा कसर शेष रह गया है वहीं दूसरी ओर शहर की नारकीय स्थिति पर नियंत्रण नहीं पाया जाया जा रहा है। सीता की धरती सीतामढ़ी के नाम से जाना जाने वाला शहर में स्थित जानकी मंदिर परिसर जलजमाव के कारण टापू में तब्दील हो चुका है। हल्की बारिश में यहा की स्थिति और भयावह दिखने लगती है। एक तो भीषण गर्मी दूसरे में गंदे पानी से भरा जानकी मंदिर परिसर। ऐसे में दर्शन करने को आने वाले श्रद्धालुओं में आक्रोश स्वाभाविक है।
नाला जाम, परिसर में फैल रहा गंदा पानी
जानकी मंदिर परिसर में गंदे नाले का पानी भरा हुआ है। गोशाला रोड से जानकी मंदिर में प्रवेश करने वाले रास्ते में करीब डेढ़ से दो फुट नाला के गंदे पानी का बहाव हो रहा है। साफ-सफाई नहीं होने से नाले के पानी का बहाव मंदिर परिसर में हो रहा है। ऐसे में रुक-रुक कर हो रही बारिश के कारण जानकी मंदिर परिसर की स्थिति खराब हो गई है। जब बारिश बंद हो जाती है तो भीषण गर्मी के कारण जलजमाव से जलवाष्प बनने लगता है और धीरे-धीरे जलस्तर कम होने लगता है। थोड़ी राहत होती नहीं है कि बारिश के कारण पुन: स्थिति जस की तस बन जाती है। वहीं मुख्य द्वार से जानकी स्थान प्रवेश करने पर मंदिर परिसर में जलजमाव श्रद्धालुओं के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। आलम यह है कि श्रद्धालु गंदे पानी से गुजरने के बाद ही माता मंदिर में प्रवेश करने को मजबूर हैं।
एक ओर जलजमाव दूसरी ओर वाहनों की अवैध पार्किंग
जानकी मंदिर परिसर में आने वाले श्रद्धालुओं को दोहरी परेशानियों को सामना करना पड़ता है। एक ओर जलजमाव की समस्या है तो दूसरी ओर मंदिर के सामने सजी प्रसाद के दुकान संचालक ग्राहकों को आकर्षित करने के लिए उनकी वाहन और चप्पलें अपनी दुकान के सामने रखने के लिए प्रेरित करते हैं। लिहाजा जलजमाव और अवैध पार्किंग से आने जाने की समस्या बढ़ गई है।
मौजूदा हालत से श्रद्धालुओं में आक्रोश
मंदिर परिसर में भ्रमण कर रहे श्रद्धालु भी इस व्यवस्था को देख आक्रोश व्यक्त करते हैं। कहते है कि जानकी मंदिर में दर्शन करने के लिए दूर दूर से श्रद्धालु आते हैं लेकिन यहां की समस्या श्रद्धालुओं के लिए भी परेशानी बनकर खड़ी है।
गोलू कुमार मंदिर परिसर में ही श्रृंगार दुकान संचालक हैं। कहते हैं कि यहां करीब दो माह से नाले के गंदे पानी का बहाव हो रहा है। जब अधिक बारिश होती है तो हम सभी दुकानदार मिलकर पानी को बर्तन से बाहर निकालते हैं। लेकिन गंदे नाली के पानी को रोज रोज कैसे बाहर निकाले। कई बार नगर परिषद में शिकायत भी की गई। अभी तीन-चार दिन पहले दो तीन टेलर छाई गिराया गया है जो और भी खतरनाक हो गया है।
संजय कुमार बताते हैं कि मंदिर की साफ-सफाई जरूरी है। क्योंकि यहां दूर दूर से अधिक संख्या में श्रद्धालु आते हैं लेकिन मंदिर परिसर में जलजमाव की समस्या से श्रद्धालु परेशान होते हैं। लोग मंदिर में पैर हाथ धोकर प्रवेश करते हैं लेकिन यहां प्रवेश करने से पहले नाले के गंदे पानी से होकर गुजरना पड़ता है।
अमरेंद्र कुमार बताते हैं कि जानकी मंदिर में एक ओर पानी लगा हुआ है तो दूसरी ओर परिसर में सजी प्रसाद की दुकानों के सामने अवैध पार्किंग की समस्या बरकरार है। प्रसाद की दुकान वाले ही इस अवैध पार्किेंग को संरक्षण दे रहे हैं ताकि दुकान की बिक्री बढ़े। वैसे श्रद्धालु जिन्हें प्रसाद नहीं लेना रहता है उन्हें अपनी वाहन की पार्किंग करने अथवा आने जाने तक की समस्या होती है। क्योंकि जो प्रसाद नहीं लेते हैं उनकी वाहन को खड़ा नहीं करने दिया जाता है।