बगही धाम : बगही में बसा है कीर्तनियों का विशाल गांव
सीतामढ़ी। 17 से 26 फरवरी तक चलने वाले श्री सीताराम नाम जप महायज्ञ में कई जिलों से आए कीर्तनियों का ग
सीतामढ़ी। 17 से 26 फरवरी तक चलने वाले श्री सीताराम नाम जप महायज्ञ में कई जिलों से आए कीर्तनियों का गांव बस गया है। टेंट में ठहरे कीर्तनियों में महिला-पुरुष व बच्चे भी शामिल हैं। एक हजार आठ टेंट में पूरा जीवन चल रहा है। लकड़ी जलाकर भोजन बनाया जा रहा है। इस गांव में कई संस्कृतियां एक साथ दिख रही हैं।
सूब के कई जिलों से पहुंचे हैं कीर्तन मंडलियां
बगही धाम में चल रहे श्री सीताराम नाम जप महायज्ञ में सीतामढ़ी, शिवहर, मधुबनी, दरभंगा, मोतिहारी, बेतिया, मुजफ्फरपुर, वैशाली, सारण, सीवान व गोपालगंज समेत कई जिलों से कीर्तन मंडलियां पहुंची हैं। इन्हें जप करते देखकर मन श्रद्धा व भक्ति से भर जाता है। हजारों महिला-पुरुष व बच्चे इस विशाल गांव में एकत्र हुए हैं।
मैथिली से लेकर भोजपुरी व बज्जिका संस्कृति का मेला
इस विशाल महायज्ञ में मैथिली के साथ भोजपुरी व बज्जिकांचल की संस्कृति का मेला सा दिख रहा है। भाषा-बोली का कोई भेद नहीं। भक्ति व सदभाव की रसधारा यहां बह रही है। शिवहर से आए रघुवर दास ने बताया कि बाबा की महिमा अपार है। वे वर्षों से बगही धाम आते रहे हैं। इस महायज्ञ में आकर अदभुत अनुभव हो रहा है। सीवान के दारौंदा से आए विश्वनाथ प्रसाद ने बताया कि माता जानकी की भूमि पर स्थित बगही धाम पहली बार आया हूं। यहां बार-बार आना चाहूंगा।