भूलने की प्रवृत्ति से निजात के लिए सतत अभ्यास जरूरी
सीतामढ़ी। इंटर की परीक्षा के कार्यक्रम की घोषणा के बाद छात्रों में तैयारी को व्याकुलता है। कुछ छात्र
सीतामढ़ी। इंटर की परीक्षा के कार्यक्रम की घोषणा के बाद छात्रों में तैयारी को व्याकुलता है। कुछ छात्र पढ़े हुए चैप्टर भी भूल रहे हैं। 16 फरवरी को भौतिकी की परीक्षा होनी है। छात्रों में जहां उत्साह है तो कभी-कभी वे भूलने की प्रवृत्ति से हतोत्साहित भी हो रहे है। ऐसे में कैसे हो तैयारी, कैसे आए बेहतर अंक। पेश है इस संबंध में भौतिकी के एक्सपर्ट शिक्षक आशुतोष कुमार उर्फ सोनू से हुई बातचीत की रपट
प्रश्नपत्र व अंक का विवरण : भौतिकी में कुल 100 अंक होते हैं। जिसमें 70 अंक लिखित परीक्षा तथा 30 अंक प्रायोगिक परीक्षा के लिए है। लिखित परीक्षा के 70 अंक में 28 अंक वस्तुनिष्ठ प्रश्न के लिए वहीं दो अंकों वाले 11 लघु प्रश्नों के लिए कुल 22 अंक तथा 5 अंक के 4 दीर्घ उत्तरीय प्रश्नों के लिए कुल 20 अंक निर्धारित हैं। प्रश्न सभी अध्यायों से होते हैं। जिसमें इलेक्ट्रो स्टैटिक्स से 8 अंक, करेंट इलेक्ट्रीसिटी से 7 अंक, मैग्नेटिक इफेक्ट ऑफ करेंट एंड मैग्नेटीज्म से 8 अंक, इलेक्ट्रो मैग्नेटिक इंडक्शन एंड अल्टरनेटिव कोट से 8 अंक, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव से 3 अंक, ऑप्टिक्स से 14 अंक, ड्वेलनेचर ऑफ मैटर एंड रेडियन से 4 अंक, एटम्स एंड न्यूक्लीयस से 6 अंक इलेक्ट्रानिक्स डिवाइस से 7 अंक व कम्यूनिकेशन सिस्टम से 5 अंक निर्धारित हैं।
कैसे करें तैयारी : भौतिकी में एनसीईआरटी की पुस्तक का अध्ययन तथा इसके प्रश्नों व उदाहरणों का मनन व अभ्यास से बेहतर अंक मिलते हैं। छात्र को शिक्षक द्वारा पढ़ाए गए पाठ व नोट्स का अध्ययन करना चाहिए। अच्छे अंक के लिए प्रतिदिन चार घंटे पढ़ना आवश्यक है। भौतिक शास्त्र में प्रकाश, विद्युत चुम्बकत्व, प्रत्यावर्ती धारा, चुम्बकीय पदार्थ एवं च म्बकत्व, चुम्बकीय क्षेत्र के अध्याय पर विशेष ध्यान देना चाहिए। वस्तुनिष्ठ प्रश्न के लिए प्रदीप प्रकाशन व माडर्न एबीसी से अभ्यास जरूरी है।
एक्सपर्ट की सलाह : भौतिक शास्त्र के शिक्षक आशुतोष कुमार उर्फ सोनू ने बताया कि छात्रों को पढ़े हुए भागों को रिवीजन करते रहना चाहिए। लंबे समय तक विषयवस्तु के छूट जाने से छात्र भूलने लगते है। छात्रों को पढ़े हुए विषय का अभ्यास करना चाहिए। अब नए विषय अथवा शीर्षक पर समय जाया नहीं करना चाहिए। सतत् अभ्यास से भूलने की प्रवृति से छात्र निजात पा सकते हैं।