दहेज हत्या मामले में पति व ससुर को 10 वर्ष की सजा
सीतामढ़ी। चार वर्ष पुराने दहेज हत्या मामले में एडीजे प्रथम किशोर कुमार सिन्हा ने पति व ससुर को दस व
सीतामढ़ी। चार वर्ष पुराने दहेज हत्या मामले में एडीजे प्रथम किशोर कुमार सिन्हा ने पति व ससुर को दस वर्षों की सजा सुनाई है। नानपुर के चकौती ग्राम निवासी पति मुरलीधर झा, सुसर जितेन्द्र झा को भादवि की धारा 304बी/34 के अंतर्गत 10 वर्ष की सजा तथा धारा 201/34 के अंतर्गत 5-5 वर्षों की सजा सुनाई गई है। न्यायालय द्वारा पति व ससुर के उपर बीस-बीस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है। जो मृतका की मां को दिया जाएगा। अर्थदंड नहीं देने पर दोनों को 3-3 महीने का अतिरिक्त कारावास भुगतना पड़ेगा। बताते चलें कि एडीजे प्रथम किशारे कुमार सिन्हा ने नानपुर थाना क्षेत्र के चकौती गांव में चार वर्ष पूर्व हुई एक विवाहिता की हत्या मामले में मृतका के पति व ससुर को 13 जनवरी को दोषी करार दिया था। सजा हेतु मंगलवार की तिथि निर्धारित थी। मालूम हो कि दरभंगा जिले के बिठौली ग्राम निवासी योगेंद्र झा की पुत्री सुनीता (मृतका) की शादी वर्ष 2010 में नानपुर थाना के चकौती ग्राम निवासी जितेंद्र झा के पुत्र मुरलधीर झा के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही सुनीता पर मायके से दहेज में मोटरसाइकिल व सोने की अंगूठी मांगने के लिए दबाव डाला जाने लगा। उसने
मोबाइल पर अपने पिता को इसकी जानकारी दी। उसके पिता ने इस बाबत उसके ससुराल में जाकर दामाद व समधी को समझाया भी था। लेकिन वे नहीं माने और इसी बीच 31 जनवरी 2012 को सुनीता के पिता योगेंद्र झा को ग्रामीणों द्वारा पुत्री को मारकर जला देने की सूचना मिली। उसने इसकी सूचना नानपुर थाना को दी। पुलिस
ने मृतका की अधजली लाश बरामद कर उसका पोस्टमार्टम कराया गया। ससुराल वालों ने पोस्टमार्टम के बाद उसकी लाश यह कहकर ले ली कि वे उसका अंतिम संस्कार सिमरिया में गंगा किनारे करेंगे। परंतु उसे रास्तें में ही फेंक
दिया। घटना के आठ दिन सुनीता की दुर्गंधयुक्त लाश चादर में लपेटे हुए दरभंगा के सोतिया में खिरोई नदी के पुल के पास से बरामद हुई थी।