जल समस्या के निदान को जल संरक्षण जरूरी
सीतामढ़ी। जल संकट से आम आदमी के साथ पशु-पक्षी तक जूझ रहे हैं। इसके समाधान के लिए हम सबको आगे आना होग
सीतामढ़ी। जल संकट से आम आदमी के साथ पशु-पक्षी तक जूझ रहे हैं। इसके समाधान के लिए हम सबको आगे आना होगा। जल संरक्षण को बढ़ावा देकर हम इस पर नियंत्रण पा सकते हैं। इसके लिए मुहिम चलाने की जरूरत है। जल समस्या को लेकर शांति नगर स्थित मन्न्त नर्सिंग होम में लायंस क्लब यूथ एंड जेरेक्स की ओर से एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इसमें यह बात उभर कर आई कि जल संकट के समाधान के लिए जल संरक्षण जरूरी है, और इसके लिए शीघ्र ही मुहिम चलाई जाय। लगातार कई वर्षों से अनुमान के अनुसार बारिश नहीं होने से पान की समस्या बढ़ती जा रही है। जिले के अधिकांश नदी, पोखर, तालाब सूख गये हैं
जल संरक्षण के लिए दिए सुझाव- प्रत्येक घर के छत पर वर्षा के जल के संरक्षण के लिए एक-दो टंकियां लगाने, घर के आसपास कुओं का निर्माण कराने, घर के पास सोखता बनाने पर वक्ताओं ने जोर दिया। जल संरक्षण की व्यवस्था पुरातन समाज से चली आ रही है। आज के परिवेश में हम उन व्यवस्थाओं पर गंभीर नहीं हैं। जल संरक्षण की व्यवस्था के अलावा अपने दैनिक कार्यों में सजगता और समझदारी से पानी का उपयोग कर के भी जल संरक्षण किया जा सकता है। दैनिक कार्यों में ज से घर का नल खुला न छोड़ने,साफ-सफाई के लिए खारे जल का उपयोग करने, नहाने के लिए उपकरणों के बजाय साधारण बाल्टी आदि का इस्तेमाल कर सकते हैं।
जल संरक्षण रोकने में डीएम की भूमिका को सभी ने सराहा- डीएम राजीव रौशन ने अनूठी पहल करते हुए जिले के सरकारी, गैर सरकारी संस्थानो के समीप एक साथ 2168 सोक पिट का निर्माण करा बढिया मिसाल पेश किया है। यह कार्य जल संरक्षण अभियान के लिए वरदान साबित होगा। संगोष्ठी में भाग लेने वालो में डा. एस.के.वर्मा, डा. सोनी वर्मा,डा.राजेश कुमार सुमन, संजय कुमार, प्रियरंजन कुमार ¨सह,अरूण कुमार वर्मा, राहुल रंजन, अरूण कुमार गुप्ता, रामविद कुमार, अशोक गोप, अविराम दुबे, शेषनाथ झां, अजय कुमार ¨सह आदि प्रमुख थे।