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भिट्ठामोड़ में बार्डर पर भी अतिक्रमण

सीतामढ़ी। गांव व शहर की सड़कों की तरह बार्डर की सड़के भी अतिक्रमण की गिरफ्त में है। लिहाजा फुटपाथ जैसी

By Edited By: Published: Thu, 02 Jul 2015 11:34 PM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2015 11:34 PM (IST)
भिट्ठामोड़ में बार्डर पर भी अतिक्रमण

सीतामढ़ी। गांव व शहर की सड़कों की तरह बार्डर की सड़के भी अतिक्रमण की गिरफ्त में है। लिहाजा फुटपाथ जैसी चीज इन इलाकों में नहीं दिखती है। भारत - नेपाल सीमा से सटे भिट्ठामोड़ का इलाका भी फुटपाथ विहीन है। यहां के लोग भी फुटपाथ के मायनों से अंजान है। फुटपाथ के अभाव में जहां इलाके में रोजाना जाम उत्पन्न होती है, वहीं वृद्ध व विकलांगों के लिए सड़क पर चल पाना आसान नहीं रह जाता है। हैरत की बात यह कि जिला प्रशासन द्वारा इन फुटपाथों के वजूद को बचाने की दिशा में पहल नहीं की जा सकी है।

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भारत में प्रवेश करते ही अतिक्रमण का नजारा : भारत नेपाल सीमा पर बसे सुरसंड थाना क्षेत्र का भिट्ठामोड़। यह नेपाल से भारत में प्रवेश का मुख्य द्वार है । इसका संबंध पड़ोसी देश नेपाल के जनकपुर शहर है। लिहाजा इस इलाके की ऐतिहासिकता व धार्मिकता बढ़ जाती है। लेकिन इस इलाके में फुटपाथ का वजूद नहीं है। भिट्ठामोड़ सड़क इलाके का सर्वाधिक व्यस्ततम इलाका है। यह अंतर राष्ट्रीय सड़क भी है। सीतामढ़ी - भिट्ठामोड़ एनएच 104 से सटे भिट्ठामोड़ का पड़ोसी देश नेपाल से सीधा सम्पर्क है। यह सुरसंड, जनकपुर व चोरौत के बीचोंबीच अवस्थित है। एक ओर यह सीतामढ़ी व चोरौत के अलावा मधुबनी से जुड़ा है, वहीं दूसरी ओर इसका संपर्क नेपाल से है। इस सड़क किनारे कभी चौड़ा फुटपाथ था। लेकिन अब फुटपाथ का अस्तित्व समाप्त हो गया है। अब फुटपाथ पर अतिक्रमण है। यहां सड़क व दुकान के बीच कोई फासला नहीं है। बीच सड़क पर ही अवैध बस पड़ाव है।

रोजाना हजारों की आबादी गुजरती है इस रास्ते : भिट्ठामोड़ सड़क से रोजाना हजारों की आबादी गुजरती है। एक ओर यह इलाका मेन रोड, सुरसंड शहर व नेपाल से जुड़ा है, तो दूसरी ओर सीतामढ़ी, चोरौत व मधुबनी से। सीतामढ़ी व जनकपुर के बीच के संबंध की वजह से इस इलाके में पर्यटकों की काफी संख्या रहती है। लिहाजा इस इलाके में अहले सुबह से ही वाहनों का दबाव सड़क पर होता है। इसके अलावा रोजाना लोग सुदूर इलाकों से आते है। सबसे परेशानी वृद्ध, लाचार, विकलांग, बीमार व बच्चों को होती है। जो फुटपाथ के अभाव में घंटों भीड़ व जाम में पीसते रहत है। यहां न तो ट्रैफिक पोस्ट है और नहीं यातायात की व्यवस्था है।

जाम में तैरता रहता है इलाका : इलाके का सर्वाधिक व्यस्ततम इलाका है भिट्ठामोड़। नेपाल के नो मेंस लैंड से ठीक सटे इस इलाके में एसएसबी, कस्टम व भिट्ठामोड़ ओपी के अलावा अच्छा खासा बाजार है। लिहाजा इलाके में रोजाना हजारों की भीड़ रहती है। इस इलाके के पास से ही एनएच 104 गुजरती है। जो एक ओर भिटठामोड़ को सुरसंड, बथनाहा, सीतामढ़ी व राजधानी पटना से जोड़ती है। वहीं दूसरी ओर मधुबनी व जयनगर से। जबकि भिट्ठामोड़ से एक सड़क नो मेंस लैंड पार करते हुए नेपाल के जनकपुर व जलेश्वर तक जाती है। इस सड़क से बस ट्रक समेत 300 से अधिक बड़े वाहन पास करते है। इसके अलावा पर्यटक बसों का भी आना जाना लगा रहता है। लिहाजा यहां भीड़ आम है। भिट्ठामोड़ में बीच सड़क पर ही बसें ठहरती है। बस चालकों द्वारा सड़क पर ही स्थायी रूप से अवैध स्टैंड बना लिया गया है। इसके अलावा जीप व अन्य वाहनों का भी अवैध पड़ाव सड़क ही बन गया है। बची खूची कसर फल, मिठाई व नाश्ता दुकानदारों ने पूरी कर दी है। लिहाजा सड़क ही गुम हो गया है। अतिक्रमण में सड़क के गुम होने का आलम यह है कि फुटपाथ का यहां वजूद नहीं दिखता है।

कहते है लोग

मनोज कुमार : भिट्ठामोड़ का इलाका सर्वाधिक व्यस्ततम इलाका है। यह भारत व नेपाल के बीच सेतू का काम करता है। लेकिन यहां की सड़कें अतिक्रमण की गिरफ्त में है।

मो. नजाम : भिट्ठामोड़ में फुटपाथ का वजूद मिट गया है। आबादी के बढ़ने के बाद भी सुविधाएं नहीं बढ़ी है।

गणेश साह : भिट्ठामोड़ में अतिक्रमण एक गंभीर समस्या बन गई है। फुटपाथ के अभाव में पैदल चलने वाले लोगों की परेशानी बढ़ गई है।

मलखान सिंह : भिट्ठामोड़ सड़क इलाके का सर्वाधिक महत्वपूर्ण सड़क है। यह दो देशों के बीच का संपर्क पथ है। लेकिन इस इलाके में अतिक्रमण से फुटपाथ समाप्त हो गया है।

कहते है अधिकारी

भिट्ठा ओपी प्रभारी जितेंद्र कुमार बताते है कि भिट्ठामोड़ को अतिक्रमण मुक्त बनाने की दिशा में प्रयास जारी है। शीघ्र ही अतिक्रमणकारियों के खिलाफ कार्रवाई कर फुटपाथ को पुर्नजीवित किया जाएगा।

सुरसंड सीओ सुधांशु शेखर बताते है कि शीघ्र ही अतिक्रमण के खिलाफ अभियान चलाया जाएगा और भिट्ठामोड़ को अतिक्रमण से मुक्त कराया जाएगा।


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