जिले में सुखे की आशका, विभाग ने कसी कमर
सीतामढ़ी। मानक के अनुसार वर्षा नही होने के कारण जिले में सुखाड़ की निश्चित संभावना व्यक्त की जा रही ह
सीतामढ़ी। मानक के अनुसार वर्षा नही होने के कारण जिले में सुखाड़ की निश्चित संभावना व्यक्त की जा रही है। सूखे की संभावित स्थिति को देखते हुए कृषि विभाग ने तैयारिया शुरू कर दी है। जिले में वैकल्पिक खेती के लिए जिला कृषि पदाधिकारी ने विभाग को ़त्राहिमाम संदेश भेजा है। जून माह में मात्र 29.98 प्रतिशत वर्षा रिकार्ड किया गया है। वहीं किसानों को धान का बिचड़ा बचाने के लिए सरकार प्रायोजित योजना के तहत डीजल अनुदान देने का आश्वासन दिया है।
जून माह में 96 फीसदी कम वर्षा होने की बात कही गई है। कृषि विभाग के अनुसार जून माह में 183.1 मिमि वर्षा होनी चाहिए था। इसके विरूद्ध जून 2015 में मात्र 29.98 मिमि वर्षा रिकार्ड किया गया है। जो मानक के अनुसार 96 फीसदी वर्षा कम आकी गई है। जबकि पिछले वर्ष जून 2014 में 124.98 फीसदी वर्षा रिकार्ड किया गया था। 32 फीसदी किसानों के बिचडा सूख रहे हैं।
जिले में सुखाड़ की स्थिति को लेकर अब तक मात्र 32 फीसदी किसानों ने ही अपने खेतों में धान का बिचड़ा गिराया है। जबकि अन्य किसान इंद्र भगवान की ओर आकाश में टकटकी लगाए हुए है। जिन किसानों ने बिचड़ा गिराया है वे अपने बिचड़ा को जीवित रखने के लिए निजी बोडिंग स सिंचाई कर रहे है। इसके बावजूद उनका बिचड़ा जलने लगा है। हालाकि कृषि विभाग की ओर से यह आश्वासन दिया जा रहा है कि बिचड़ा को बचाये रखे। इसके लिए सरकार की ओर से डीजल अनुदान दिया जाएगा। ऐसे किसानों की सूची विभाग द्वारा संग्रहित की जा रही है।
98 हजार हेक्टेयर में आच्छादन का लक्ष्य
कृषि विभाग ने जिले के 98 हजार हेक्टेयर में धान का आच्छादन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। मानक के अनुसार वर्षा नही होने के कारण 50 फीसदी लक्ष्य भी पूरा नही किया जा सका है।
बन रही आकस्मिक फसल की योजना
संभावित सुखाड़ को देखते हुए कृषि विभाग ने आकस्मिक फसल योजना तैयार करने में जुटी है। इस संबंध में कृषि विभाग पटना को जिले में आकस्मिक फसल से संभावित खेती के बारे में पत्र भेजा गया है। जिसमें धान के तुरंता, प्रभात, साकेत-4 के अलावा मक्का, तोड़ी, सूर्यमुखी, भिंडी, लोबिया, मूंग की खेती के लिए बीज उपलब्ध कराने की माग की गई है।
डीजल अनुदान को किसान रखेंगे कैशमेमो
संभावित सुखाड़ के मद्देनजर किसानों को डीजल अनुदान उपलब्ध कराएंजाने की योजना तैयार की जा रही है। इसके तहत बिचड़ा तैयार करने व रोपनी करने वालों किसानों को सूचीबद्ध किया जा रहा है। उन्हें सुझाव दिया गया है कि वे जो भी सिंचाई करते है और सिंचाई में जो डीजल क्रय कर रहे है उसका कैश मेमो अवश्य रखें। डीजल अनुदान के तहत किसानों को विचड़ा के 2 सिंचाई के लिए एवं धान रोपनी आदि के लिए 3 सिंचाई का अनुदान दिया जाएगा। किसानों को 250 रूपये प्रति एकड़ के हिसाब से अनुदान की राशि दी जाएगी। डीजल अनुदान की राशि 25 जून से 30 अक्टूबर 2015 तक डीजल क्रय करने वाले किसानों का अनुदान दिया जाएगा।
नगर निकाय के किसान भी होंगे लाभान्वित
इस बार ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा नगर निकाय के किसानों को भी डीजल अनुदान से लाभान्वित कराया जाएगा। इसके लिए सभी बीईओ को ऐसे किसानों की सूची तैयार करने का निर्देश दिया गया है।
कहते है कृषिपदाधिकारी
इस संबंध में जिला कृषि पदाधिकारी प्रवीण कुमार झा बताते है कि अगर 15 जुलाई तक वर्षा नही होती है तो आकस्मिक खेती की कार्य योजना तैयार कर विभाग को भेज दी जाएगी। वही किसानों को अपने खेत की बिचड़ा बचाने के लिए बोडिंग से सिंचाई करने की सलाह दी गई है। इसके लिए उन्हे डीजल अनुदान की राशि उपलब्ध कराई जाएगी। ऐसे किसानों को चिन्हित किया जा रहा है। आवंटन प्राप्त होते ही इनका अनुदान संबंधी आवेदन स्वीकृत कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जून महा में 96 फीसदी वर्षा कम हुई है। इसलिए सुखे की आशका व्यक्त की जा रही है। उन्होंने बताया कि इस संबंध में कृषि पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है।