सरपंच पति की हत्या में चाचा-भतीजे को आजीवन कारावास
जासं, सीतामढ़ी : प्रथम तदर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मो. इरशाद अली ने चर्चित सरपंच पति राम बालक
जासं, सीतामढ़ी : प्रथम तदर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मो. इरशाद अली ने चर्चित सरपंच पति राम बालक राय हत्याकांड के मामले में दो आरोपियों तत्कालीन सरपंच मदन चौधरी व उसके भतीजे ललित चौधरी को आजीवन कारावास की साज सुनाई है। साथ ही दोनों को 95 - 95 हजार रुपये अर्थदंड की सजा भी सुनाई है। कोर्ट ने यह राशि पीड़ित परिवार को देने का आदेश दिया है। अपने एतिहासिक फैसलों के लिए ख्यात न्यायाधीश मो. इरशाद अली ने तीन धाराओं में सजा दिया है। तीनों धाराएं साथ - साथ चलेगी। मामले में सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक कामेश्वर प्रसाद ने बहस की। बताते चले की बाजपट्टी थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव में 8 दिसंबर 2009 की रात हथियार बंद दस्ता ने घर में घुस कर सोये अवस्था में बेलहियां पंचायत की सरपंच मीना देवी के पति राम बालक राय की गोली मार कर हत्या कर दी थी। हत्या के बाद सभी अपराधी 'जीरो पचास, पूरा पचास' का नारा लगाते हुए गांव में दहशत फैलाने की नीयत से ताबड़तोड़ बम विस्फोट करते चलते बने। घटना के बाद घर से लेकर बाहर तक अफरा-तफरी मच गयी। सूचना के बाद तत्कालीन डीएसपी राम चन्द्र माझी पुलिस अधिकारी व सशस्त्र बल के साथ घटना स्थल पहुंचे थे। वहीं मामले की तहकीकात की थी। साथ ही शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा था। 9 दिसंबर 2009 को घटना के संबंध में मृतक के पुत्र गोविन्द राय के बयान पर बाजपट्टी थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। जिसमें हूंमायुपुर के सरपंच मदन चौधरी व उसके भतीजा ललित चौधरी समेत 12 अज्ञात को अभियुक्त बनाया गया था। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नामजद सरपंच मदन चौधरी व उसके भतीजे ललित चौधरी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। प्राथमिकी में बताया गया था कि 8 दिसंबर 2009 की रात सरपंच मदन चौधरी अपने सहयोगियों के साथ गांव से पश्चिम सरेह में बैठ कर शराब पिया। उसके बाद राम बालक राय के घर पहुंचे। जहां तब टार्च की रोशनी मदन चौधरी ने पहले राम बालक की पहचान की, और भतीजे ललित चौधरी को गोली मारने को कहा। पहली गोली राम बालक राय के सिर में व दूसरी गोली सीने में मारी गई। जिससे घटना स्थल पर ही राम बालक की मौत हो गयी। गोली की आवाज पर पुत्र के साथ घर के अंदर सोयी सरपंच मीना देवी बाहर निकली। तो हथियारबंद दस्ते ने घर में घुस कर मृतक के छोटे बेटे सोहन की पिटाई की थी। वहीं जान से मारने की धमकी दी। उसके बाद पंचायत के कागजों को खंगाला था और उसे तितर-बितर कर दिया। शोर सुनकर जब मृतक का भाई श्याम नंदन राय अपने घर से बाहर निकला तो उसके दरवाजे पर भी बदमाशों ने ताबड़तोड़ पांच बम विस्फोट कर दहशत फैलाया। जाते वक्त बदमाशों ने रास्ते में जगह - जगह बम विस्फोट किया था। 9 दिसंबर 2009 की सुबह राम बालक राय की हत्या का आक्रोश सड़क पर दिखा। उग्र लोगों ने सड़क जाम व थाने का घेराव कर 5 घंटे तक प्रदर्शन किया था। इस दौरान बाजपट्टी थाने के वाहन व थाना के घेराव किए गये टाट को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था। मामले की सुनवाई के बाद 8 अप्रैल को न्यायाधीश ने साक्ष्य के अभाव में मामले के नौ आरोपियों विपिन राय, वीरेंद्र राय, मुकेश राय, मुकेश साह, किशोर राय, पप्पू सहनी, जीतू राय, बबलू पासवान व राम बहादुर राय को बरी कर दिया था।