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सत गुण अपनाने से होगा जीवन सफल : संत

सीतामढ़ी, संवाद सहयोगी : हनुमान मंदिर बाजार समिति प्रांगण में संत श्री राम स्वार्थ दास जी महराज क

By Edited By: Published: Wed, 01 Apr 2015 12:23 AM (IST)Updated: Wed, 01 Apr 2015 12:23 AM (IST)
सत गुण अपनाने से होगा जीवन सफल : संत

सीतामढ़ी, संवाद सहयोगी : हनुमान मंदिर बाजार समिति प्रांगण में संत श्री राम स्वार्थ दास जी महराज के साकेत वास के उपरांत आयोजित मानस नवाह परायण व श्रीमद् भागवत कथा के आठवें दिन कथा वाचक स्वामी विवेक दास जी महाराज के संगीतमय श्रीकृष्ण बाल लीला के वर्णन पर श्रद्धालु झूम उठे। श्रीकृष्ण के बाल टोली के साथ गोपियों के घर माखन चुराने व पकड़े जाने पर मईया यशोदा के पास ले जाने के बाद के प्रसंग पर श्रद्धालु भाव विभोर हो गए। 'तुम ही हो नटवर, तुम ही हो नागर' संगीतमय गीत का श्रद्धालु आनंद उठाते रहे। कथा वाचक स्वामी विवेक दास जी महाराज ने गुण के संबंध में कहा कि गुण तीन प्रकार के होते है। रजो गुण व तमो गुण समाप्त होने के बाद ही सतो गुण का आगमन होता है। सतो गुण अपनाने से ही जीवन सफल होगा। भगवान श्री कृष्ण व रूकमणी के विवाह प्रसंग पर प्रकाश डालते कहा कि भगवान श्री कृष्ण के 16 हजार 108 विवाह हुए थे। भगवान श्रीकृष्ण व रूकमिणी नारायण व लक्ष्मी के अवतार थे। उनका विवाह आत्मा व परमात्मा की मिलन की कथा है, जो मन को बैराग की ओर ले जाती है। आयोजन की सफलता में राम बाबू साह, रामनेक सिंह, अमरेंद्र राय, ललितेश्वर प्रसाद, प्रदीप सिंह, बैद्यनाथ प्रसाद, विंदेश्वरी प्रसाद, सुमित्रा देवी, सुनीता कुमारी, संतोष कुमार, भोला प्रसाद व सिकंदर कुमार आदि लगे थे।


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