झूठे मुकदमा के खिलाफ स्कूली बच्चे अनशन पर
बथनाहा (सीतामढ़ी), संस : पुलिस व जांच अधिकारियों द्वारा रिश्वत लेकर बयान बदलने व छात्र नेता पर झूठा
बथनाहा (सीतामढ़ी), संस : पुलिस व जांच अधिकारियों द्वारा रिश्वत लेकर बयान बदलने व छात्र नेता पर झूठा मुकदमा करने के विरोध में बुधवार की सुबह से प्रखंड के हरिबेला मध्य विद्यालय सह उत्प्रेरण केंद्र में करीब डेढ़ दर्जन बच्चें अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठ गए हैं। बच्चें थाली पीट-पीटकर जांच अधिकारी, पुलिस प्रशासन व विद्यालय प्रधान के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे। बच्चों का आरोप था कि उत्प्ररेण केंद्र के स्वयं सेवक राजेश कुमार पर लगाए गए अप्राकृतिक यौनाचार के आरोप के मामले में प्रधानाध्यापक विमल किशोर ने रिश्वत लेकर जांच अधिकारियों से पीड़ित बच्चों के बयान को बदलवा लिया है। वहीं पुलिस द्वारा गांव के छात्र नेता सुशील उमाराज व मो. मुस्तफा को नामजद समेत सौ अज्ञात के खिलाफ झूठा मुकदमा दर्ज किया है। अनशन पर बैठे बच्चों में चंदन कुमार, धनंजय कुमार, सरोज कुमार, विनय कुमार, बबलू कुमार, मंजय कुमार, पिंटू कुमार, अभय कुमार व सुधीर कुमार आदि शामिल थे। मालूम हो कि सोमवार को हरिबेला मध्य विद्यालय सह उत्प्रेरण केंद्र में रह रहे एक छात्र के साथ स्वयं सेवक राजेश कुमार द्वारा अप्राकृतिक यौनाचार की सूचना मिलने पर छात्रों के साथ ग्रामीणों ने केन्द्र के शिक्षकों को बंधक बना घंटों हंगामा किया था। साथ ही लौहखर - कुम्मा पथ को हरिबेला गांव के समीप जाम कर बवाल काटा था। घटना की बाबत पीड़ित छात्र के पिता द्वारा स्वयं सेवक राजेश कुमार के विरुद्ध अप्राकृतिक यौनाचार की प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी। अधिकारियों के साथ पहुंची पुलिस ने कार्रवाई का आश्वासन देकर सड़क जाम समाप्त कराया था। इस दौरान मेडिकल टीम भी स्कूल पहुंची थी। बाद में 'प्रशासनिक व्यवस्था व वीडियोग्राफी के बीच अधिकारियों की मौजूदगी में बच्चा का मेडिकल जांच कराई गई। बीडीओ बसंत कुमार ने बताया था कि जांच के दौरान बच्चों ने अप्राकृतिक यौनाचार से इनकार किया , वहीं मेडिकल जांच में भी इसकी पुष्टि नहीं हुई है। बच्चों ने स्वीकार किया था कि सुशील नामक एक छात्र नेता के बहकावे में आकर उन्होंने ऐसा कहा है। छात्र नेता द्वारा बच्चों को बरगला कर प्रशासन को परेशान करने के लिए थानाध्यक्ष विशाल आनंद के बयान पर सुशील कुमार व मो. मुस्तफा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई। वहीं बेवजह हंगामा करने के लिए दर्जनों अज्ञात ग्रामीणों को भी आरोपित किया गया था।