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बंद कमरे में मनरेगा मेला का आयोजन

जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी : कार्य में बेहतरी के लिए भले ही कर्मियों को अधिकारी से फरमान जारी किए जात

By Edited By: Published: Sun, 21 Dec 2014 01:02 AM (IST)Updated: Sun, 21 Dec 2014 01:02 AM (IST)

जागरण संवाददाता, सीतामढ़ी : कार्य में बेहतरी के लिए भले ही कर्मियों को अधिकारी से फरमान जारी किए जाते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। यहां कर्मियों की कारगुजारी से मनरेगा मेला हास्यास्पद बन गया है। डुमरा प्रखंड स्थित मनरेगा कार्यालय के एक कमरे में कर्मियों द्वारा मनरेगा मेला का कोरम पूरा किया जा रहा था। मिडियाकर्मियों को मेले के आयोजन की जानकारी थी लेकिन प्रखंड परिसर में पहुंचने पर कहीं मेला नजर नहीं आया। कार्यालय के बाहर लगे कर्मियों की बाइक पर नजर पड़ने पर झांककर देखा तो कुछ कर्मी बैनर टांग कर मनरेगा मेला की तस्वीर खींच रहे थे। मिडियाकर्मियों पर नजर पड़ते ही कर्मी सकते में आ गए। पूछने पर बताया कि आज मनरेगा मेला का आयोजन करना था। दबी जुबान में मनरेगा के एक पदाधिकारी ने बताया कि राशि मिलती नहीं, मेला का आयोजन कैसे संभव है। किसी तरह कोरम पूरा किया जा रहा है। उसके बाद आनन-फानन में कार्यालय के बाहरी दीवार पर मनरेगा का बैनर टांग दिया गया। प्रभारी बीडीओ सह प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी अजय कुमार चौबे से इस संबंध में पूछे जाने पर अनभिज्ञता जताई। कहा कि उन्हें मनरेगा मेले की कोई जानकारी नहीं है। उन्होंने नाराजगी जताते हुए कहा कि मेला का आयोजन कार्यालय कक्ष के भीतर किया जा रहा है, जो किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं है। कहा कि मनरेगा मेला में पंचायत प्रतिनिधि, जॉब कार्डधारी व पंचायत के किसानों की उपस्थिति जरूरी है। बीएओ संजय कुमार ने मेला के ऐसे आयोजन पर नाराजगी जताते हुए टिप्पणी से परहेज किया।


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