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विवाद रहित होगी भावी पीढ़ी : न्यायमूर्ति

By Edited By: Published: Sat, 23 Aug 2014 10:46 PM (IST)Updated: Sat, 23 Aug 2014 10:46 PM (IST)

जासं, सीतामढ़ी : आनेवाली पीढ़ी विवाद रहित होगी और समाज के लोग सुरक्षित होंगे। समाज के लोग तभी सुरक्षित होंगे जब कानून व्यवस्था सही होगा। जब कानून व्यवस्था सही होगा तो कोर्ट में मामले कम आएंगे। और कोर्ट में मामले कम आएंगे तो लोगों को जल्द से जल्द न्याय मिलेगा। उक्त बातें पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सह निरीक्षी जज जयानंदन सिंह ने शनिवार को कही। न्यायमूर्ति श्री सिंह बुधवार को सीतामढ़ी व्यवहार न्यायालय परिसर में न्यास सदन व विडियो कांफ्रेंसिंग भवन का उद्घाटन करने के बाद आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे। जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय प्रिय की अध्यक्षता में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए न्यायमूर्ति श्री सिंह कहा कि न्यास भवन में मुकदमा से पहले काउंसलिंग कराई जा सकती है। ताकि दोनों पक्षों के सहमति पर सुलह हो सके और मुकदमा करने नौबत नही आए। उन्होंने इसके लिए चिकित्सकों, अधिवक्ता, प्रशासन व आम लोगों से सहयोग की अपील की।

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वीडियो कांफ्रेंसिंग सार्थक पहल : डीजे

जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय प्रिय ने कहा कि कोर्ट परिसर में वीडियो कांफ्रेसिंग लगने से सुनवाई और सहज होगी। खासकर कैदियों के लिए पेशी की समस्या नही होगी। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से सहज रुप से सुनवाई की जा सकेगी। वही प्रधान न्यायाधीश अजय कुमार शुक्ला ने विषय वस्तु पर प्रकाश डालते हुए सुलह केंद्र से मिलने वाली सहायता के बारे में जानकारी दी।

प्रशासन का मिलेगा भरपूर सहयोग : डीएम

डीएम डा. प्रतिमा ने धन्यवाद ज्ञापन करते हुए कहा कि सुलह केंद्र की स्थापना से वादों के निष्पादन में गति आएगी। इसमें जिला प्रशासन का भरपूर सहयोग मिलेगा। उन्होंने कहा कि सुलह केंद्र से अगर महिला हेल्प लाइन व जमीनी विवाद के मामलों को जोड़ा जाए तो वाद की संख्या में निश्चित रुप से कमी आएगी। क्योंकि अधिकांश मामले जमीनी विवाद से जुड़े होते है। वीडियो कांफ्रेंसिंग से कैदी का सरलीकरण व तकनीकि समस्या दूर किया जा सकता है।

दूर होगी अतिरिक्त पुलिस बल की समस्या : एसपी

एसपी नवल किशोर सिंह ने कहा कि कोर्ट परिसर में वीडियो कांफ्रेंसिंग के संचालन से कैदियों को लाने व ले जाने में अतिरिक्त बल का उपयोग नही करना होगा।

मील का पत्थर होगा सुलह केंद्र : पीपी

लोक अभियोजक अरुण कुमार सिंह ने कहा कि इस केंद्र का संचालन विवादों के निष्पादन में मील का पत्थर साबित होगा। इसके लिए सहयोग की आवश्यकता है। इसके अलावा अधिवक्ता अरविंद कुमार ठाकुर, नरेन्द्र प्रसाद सिन्हा ने भी अपने अपने विचार व्यक्त किए।

मौके पर थे उपस्थित

उद्घाटन समारोह में एडीजे प्रभुनाथ सिंह, अवधेश दूबे, राकेश चंद्र श्रीवास्तव, मो. इरशाद अली, एसडीजेएम पुपरी मो. हबीबुल्लाह, आलोक कुमार पांडेय, मुंसिफ रंजीत कुमार, प्रबंधक सुधीर कुमार, न्यायिक दंडाधिकारी पुष्पम कुमार झा, मनीष द्विवेदी, दीपक कुमार, नीरज कुमार व राजेन्द्र कुमार सिन्हा के अलावा बड़ी संख्या में न्यायिक, प्रशासन व पुलिस विभाग के अधिकारी व अधिवक्ता मौजूद थे।

वीडियो कांफ्रेंसिंग से 11 कैदी की हुई पेशी

व्यवहार न्यायालय कक्ष में शनिवार को वीडियो कांफ्रेसिंग का उद्घाटन न्यायमूर्ति जयानदंन सिंह ने किया। इस अवसर पर उनकी मौजूदगी में मंडलकारा में बंद 11 कैदियों की पेशी की गई। जिसमें बृजमोहन साह, मनोज सिंह, अजय कुमार, सखी चंद्र साह, रविन्द्र कुमार चौधरी, राखी साह व रामवरण मंडल आदि शामिल है। न्यायमूर्ति की उपस्थिति में वीडियो कैमरा के सामने आये कैदियों से नाम व जेल में हो रही दिक्कत के बारे में पूछा गया। कैदियों से पूछा कि अधिवक्ता रखा है अथवा नही। न्यायमूर्ति ने कहा कि आपका केस अभी नही खुला है, जांच चल रही है। जांच के बाद सुनवाई की जाएगी।

न्यायमूर्ति ने किया पौधरोपण

न्यायमूर्ति जयानंदन सिंह ने सुलह केंद्र का उद्घाटन फीता काटकर किया। इस दौरान सुलह केंद्र के भवन के बनावट, चेम्बर आदि का निरीक्षण किया। इसके बाद सुलह केंद्र परिसर में पौधरोपण किया। न्यायमूर्ति के अलावा जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजय प्रिय, प्रधान न्यायाधीश अजय कुमार शुक्ला, डीएम डा. प्रतिमा व एसपी नवल किशोर सिंह ने पौधरोपण किया।


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