प्याज की खेती में होता था गेंदौड़ा का उपयोग
जिले में खेतों की मिट्टी के जहरीला होने का खतरा ।
By Edited By: Published: Sat, 03 Dec 2016 02:49 AM (IST)Updated: Sat, 03 Dec 2016 02:49 AM (IST)
शेखपुरा । जिले में खेतों की मिट्टी के जहरीला होने का खतरा इस बात को लेकर अधिक है कि प्याज की खेती में किसान जमकर कीटनाशक दवाईयों का उपयोग करते हैं। यहां बताना जरूरी है कि जिले में प्याज की व्यवसायिक खेती पुरखों से की जा रही है। यहां के प्याज को बंग्लादेश तक भेजा जाता है। इसके अलावा देश के पूर्वोत्तर के राज्यों में भी शेखपुरा के प्याज की सप्लाई होती है। यहां हर साल लगभग पांच से आठ हजार एकड़ में प्याज की खेती होती है। जानकार बताते हैं कि पहले इलाके में प्याज की पैदावार बढ़ाने तथा फसल को बीमारियों से बचाने के लिए किसान गेंदौडा तथा नोनी का उपयोग करते थे। मगर जमाना बदला और किसान भी इस परंपरागत चीजों को छोड़कर उर्वरक और कीटनाशक का भरपूर उपयोग करने लगे हैं।
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