परवरिश योजना को सफल बनाएं
परवरिश योजना अनाथ, बेसहारा व उपेक्षित शून्य से अठारह वर्ष के बच्चों के हित में सरकार की एक अनूठी पहल है।
शिवहर। परवरिश योजना अनाथ, बेसहारा व उपेक्षित शून्य से अठारह वर्ष के बच्चों के हित में सरकार की एक अनूठी पहल है। इस योजना के तहत अनाथ, बेसहारा, एचआइवी व कुष्ठ रोग से स्वयं या माता-पिता के पीड़ित उपेक्षित बच्चों की परवरिश के लिए सरकार द्वारा सहायता राशि उपलब्ध करायी जाती है।
योजना के तहत शून्य से छह वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को प्रतिमाह 900 रूपये एवं 06 से 18 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को प्रतिमाह 1000 रूपये का अनुदान दिया जाता है।इस अनुदान राशि के लिए अनाथ व बेसहारा बच्चों को अपने साथ रखने वाले संबंधी अथवा रिश्तेदार एवं एचआइवी व कुष्ठ रोग से ग्रस्त बच्चों के माता- पिता आवेदन देंगे। विहित प्रपत्रों में आवेदन के साथ बीपीएल सूची में शामिल होने अथवा वार्षिक आय से संबंधित सक्षम पदाधिकारी का प्रमाण पत्र संलग्न करना आवश्यक है। एचआइवी व एड्स मामले में आय प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी।
आदेश पत्र संलग्न करना जरूरी
बताया कि अनाथ एवं बेसहारा की स्थिति में सक्षम न्यायालय अथवा बाल कल्याण समिति का आदेश भी संलग्न करना होगा। योजना की राशि प्राप्त करने वालेअभ्यर्थी को यह घोषणा करना होगा कि वे उक्त श्रेणी के बच्चों को अपने परिवार में रखकर परिवार के सदस्य के रूप में भोजन, वस्त्र, आवास, शिक्षा,पोषण ,स्वास्थ्य व अन्य सुविधाएं उपलब्ध करायेंगे। इस योजना का क्रियान्वयन समेकित बाल विकास परियोजना पदाधिकारी के माध्यम से कराया जा रहा है। अनुमंडल पदाधिकारी लालबाबू सिंह ने सभी जनप्रतिनिधि के साथ बैठक कर इस योजना को सफल बनाने का आह्वान किया।
सेविका पोषक क्षेत्र से आवेदन ले सीडीपीओ को सौंपे
आगनबाड़ी सेविका अपने पोषक क्षेत्र के योग्य लाभुकों से संबंधित आवेदन प्राप्त कर उसे सीडीपीओ को सौंपेंगी। सीडीपीओ द्वारा अपनी अनुशसा के साथ आवेदन को अनुमंडल पदाधिकारी को स्वीकृति के लिए भेजी जायेगी। योजना के लाभ की स्वीकृति अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा एक वर्ष के लिए दी जायेगी।
अनुदान की राशि लाभुक बच्च व आवेदक के संयुक्त खाते में भुगतान की जायेगी। एक वर्ष के बाद अनुमंडल पदाधिकारी द्वारा अनुदान स्वीकृति आदेश का नवीकरण किया जायेगा।
जिले में है महज 37 लाभुक
पूरे जिले में महज अब तक 37 लाभुक है। पुरनहिया प्रखंड मे कुल 8 लाभुक है। एसडीओ ने सभी उपस्थित जनप्रतिनिधियों से इस योजना का लाभ दिलाने के लिए व्यक्तिगत रूचि लेने का आग्रह किया। ताकि सभी प्रखंडों को मिलाकर जिला स्तर पर सभी ऐसे बच्चों को इस योजना से शत प्रतिशत आच्छादित किया जा सका।
आगनबाड़ी सेविका हैं उदासीन
समीक्षा के दौरान उपस्थित सभी जनप्रतिनिधियों ने एक स्वर से आगनबाड़ी सेविका के इस योजना के क्रियान्वयन में उदासीन रहने का आरोप लगाया। कहा कि अन्य योजनाओं का लाभ दिलवाने में भी वे पीछे रहती है। सिर्फ अपना लाभ हीं सोचती है। मौके पर बीडीओ मोहम्मद रईसुद्दीन खान, पूर्व मुखिया धर्मेन्द्र सिंह छोटू, दोस्तिया मुखिया प्रतिनिधि उमेश यादव, बसंतपट्टी मुखिया धर्मेन्द्र सिंह, पंसस ललन कुमार मिश्र, रामविलास दास, मुंद्रिका पासवान समेत मौजूद थे।