38 साल से लोग कर रहे सड़क का इंतजार
शिवहर। पुनर्वासित होने के 38 साल बाद भी पिपराढ़ी पुनर्वास और बखार गांव को संपर्क पथ की सुविधा नही मि
शिवहर। पुनर्वासित होने के 38 साल बाद भी पिपराढ़ी पुनर्वास और बखार गांव को संपर्क पथ की सुविधा नही मिल सकी है। नेताओं के सैकड़ो वादे भी पांच हजार से अधिक आबादी बाले इस गांव को आज तक सम्पर्क सड़क की सुविधा नही दिला पाई है। लगभग सभी चुनाव से ठीक पहले सभी नेताजी गांव को सड़क सुविधा से जोड़ने की पूरी गारंटी भरा आश्वासन देते है। मगर सड़क तो दूर एक टोकरी मिट्टी भी इस सड़क के नाम पर नही डाली गयी है। इस सड़क के निर्माण कराने की मांग को लेकर 2009 के लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया था। मगर तभी भी बात नही बनी। सड़क खेत के बीच झूल रहा है सड़क का निर्माण। लोगों ने कई बार निजी प्रयास से यातायात लायक बनाया। मगर भूस्वामियों के लगातार विरोध से सड़क नही बन पाई कोठिया टोला निवासी रौशन तिवारी का कहना है कि बरसात के महीने में यातायात पूरी तरह ठप हो जाती है। मरीजो का इलाज में परेशानी आवश्यक वस्तुओ की किल्लत हो जाती है। रेन कट से क्षतिग्रस्त बागमती बांये तटबंध के रास्ते से लोग किसी तरह काम चलाते है। कई बार कोशिश हुई मगर लोगों की सर्वसम्मति नही बनी। मामला जस का तस रहा। मालूम हो कि सड़क के अभाव से प्रखंड व जिला मुख्यालय से सीधे संपर्क से वंचित है। महज पांच सौ मीटर की दूरी मे सड़क निजी जमीन से गुजरती है अन्य हिस्से में सरकारी सड़क है। वैसे गांव के अंदर की सड़को की स्थिति भी ठीक नही है मगर मुख्य संपर्क पथ का मामला अब जख्म से नासूर बन गया है। जिसके इलाज में तमाम नेता अधिकारी अब तक विफल साबित हुए है। लोगों
का कहना है कि अब तक किसी ने ईमानदारी से प्रयास हीं नही किया। अब आशा गांव की नई मुखिया प्रेमा देवी से है। जो भूमि अधिग्रहण का ईमानदार प्रयास कर रही है।
- जल्द होगा भूमि अधिग्रहण :मुखिया
पंचायत की महिला मुखिया प्रेमा देवी ने बताया कि जल्द हीं सड़क का निर्माण होगा। अंचल कार्यालय के प्रस्ताव पर भू-अधिग्रहण हो सकता है। जिससे पंचायत के सभी गांव और टोले बारहमासी सड़क से जुड़ सकेंगे। अधिग्रहण के लिए लोग तैयार हैं। मुखिया प्रतिनिधि रामानंद झा का कहना है कि सड़क का निर्माण अवश्य होगा।
- गांव के लिए सड़क निर्माण जरुरी
युवा समाजसेवी रमेश प्रसाद श्रीवास्तव का कहना है। कि इस सड़क के निर्माण से गांव की अस्मिता जुड़ी हुई है। गांव के बहु बेटियों की डोली तक गुजरने में परेशानी होती है।अत: यह सड़क हर हाल में बननी चाहिए। गांव और पंचायत के लोग आपस में जुड़ कर विकास का मार्ग प्रशस्त कर सके।