दवा का धंधा अब होने लगा मंदा
शिवहर। जिले में बगैर लाइसेंस के दवा दुकानदारों पर औषधि विभाग के चले डंडे ने दवा के धंधे को अब मंदा क
शिवहर। जिले में बगैर लाइसेंस के दवा दुकानदारों पर औषधि विभाग के चले डंडे ने दवा के धंधे को अब मंदा करने लगा है। इस कार्रवाई से जिले में अब तक अधिकांश संचालित बगैर लाइसेंसी दवा कारोबारियों में हड़कंप मच गया है। इससे गांव की गलियों से लेकर चौक-चौराहे व जिला मुख्यालय तक कई दवा दुकानों में ताले लगने शुरू हो गए हैं। विभाग ने साफ चेतावनी दे रखी है कि अगर बगैर लाइसेंस के दुकानदार दवा बिक्री करते पाए गए तो उनके साथ-साथ दवा उपलब्ध कराने वाले होलसेल दुकानदारों पर भी कार्रवाई होगी। ऐसी स्थिति में अब अधिकांश दवा कारोबारियों की हालत पतली होती दिख रही है।
बता दें कि जिलाधिकारी राजकुमार के निर्देश पर पिछले तीन दिनों से जारी औषधि विभाग के सीतामढ़ी व शिवहर टीम के साथ दंडाधिकारी व पुलिस बल ने जिले के विभिन्न क्षेत्रों में तबाड़तोड़ छापेमारी कर रही है। इसमें अब तक लाखों रुपये की अवैध दवा जब्त कर दो लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है। इसमें जहां एक दवा कारोबारी तो दूसरा नर्सिग होम का कंपाउंडर शामिल है। छापेमारी के दौरान ईथर भी मिला है। इसका प्रयोग ऑपरेशन में बेहोशी के लिए किया जाता है। वैसे में छोटे चौक-चौराहों पर ऐसी नशीली दवा का मिलना किसी बड़े गोरखधंधे की ओर इशारा कर रहा है।
- जिले में 210 लाइसेंसी दुकान
औषधि विभाग के अनुसार जिले में कुल 210 लाइसेंसी दवा की दुकानें हैं। इसमें पांच होलसेल भी शामिल हैं। लेकिन, सूत्रों की मानें तो जिले में करीब पांच सौ से भी अधिक दवा दुकानें संचालित हो रही हैं। जिनके पास अभी तक लाइसेंस नहीं है, लेकिन भारी मात्रा में दवा उपलब्ध होना आश्चर्यजनक है। वहीं अधिकारियों ने कहा है कि बगैर लाइसेंस वालों को दवा देने वाले भी दंडित होंगे। बताते हैं कि ऐसे दुकानदार आसपास के जिले से भी दवा का कारोबार बेखौफ करते हैं।
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वर्जन :
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जिले में कुल 210 लाइसेंसी दवा दुकानें हैं। बगैर लाइसेंसी दुकानदारों के खिलाफ लगातार अभियान जारी रहेगा। थोक विक्रेताओं को भी हिदायत दी गई है कि वे लाइसेंसी दुकानों को ही दवा की आपूर्ति करें अन्यथा उन पर भी कार्रवाई होगी।
उत्तम कुमार
औषधि निरीक्षक, शिवहर।