हत्या के दो मामलों में सात को आजीवन कारावास
जासं, छपरा : हत्या के दो अलग मामलों में वाद विचारण के पश्चात दोषी पाकर सात अभियुक्तों को कोर्ट ने मं
जासं, छपरा : हत्या के दो अलग मामलों में वाद विचारण के पश्चात दोषी पाकर सात अभियुक्तों को कोर्ट ने मंगलवार को उम्रकैद की सजा सुनाई। वहीं जानलेवा हमले के एक मामले में दो अभियुक्तों को दोषी पाकर सात-सात वर्ष के सश्रम कैद की सजा सुनाई गई। सजा खुली अदालत में न्यायाधीशों ने सुनाई। इसके बाद से अभियुक्तों को जेल भेज दिया गया। इसमें एक महिला भी शामिल है। हत्या के एक मामले में घटना के लगभग 26 साल बाद कोर्ट का फैसला आया है।
अभियोजन से प्राप्त जानकारी के अनुसार अपर सत्र न्यायाधीश- अष्टम विनोद कुमार मिश्रा ने हत्या के मामले में वाद विचारण के पश्चात पांच अभियुक्तों को दोषी पाकर आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इनमें दिघवारा थाना क्षेत्र के बस्ती जलाल निवासी इंद्रजीत राय, जितेन्द्र राय, केदार राय, अजीत राय और ब्रह्मदेव राय शामिल हैं। दिघवारा थाना कांड संख्या 34/79 से प्राथमिकी दर्ज कराकर गांव के ही शत्रुघ्न राय ने इनको अपने भाई विरेन्द्र राय की हत्या और अन्य को बुरी तरह से जख्मी करने को ले नामजद किया था। प्राथमिकी के अनुसार 10 जून 89 को घातक हथियारों से आरोपियों ने उस समय हमला कर दिया जब वे जमीन पर बेढ़ी रख रहे थे। इस घटना में विरेन्द्र राय की पीएमसीएच में इलाज के क्रम में मौत हो गई। वहीं शत्रुघ्न राय, भरत राय, काजल कुमारी व सुनैना देवी भी बुरी तरह से जख्मी हो गई। न्यायाधीश ने पांचों आरोपियों को भादवि की धारा 302/149 में आजीवन कारावास और दस-दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई जिसमें से आधी राशि मृतक की पत्नी को देने का निर्देश दिया। वहीं जितेन्द्र राय, अजीत राय, केदार राय को 307/34 भादवि में भी दोषी पाया तथा सात वर्ष के सश्रम कारावास और पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। जिसमें से आधी राशि जख्मियों को दिए जाने का निर्देश दिया गया। न्यायाधीश ने इन तीनों अभियुक्तों को 324 भादवि में भी दोषी पाया और दो वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। सभी सजा एक साथ चलेगी।
वहीं इसी कोर्ट से जानलेवा हमले के एक मामले में दिघवारा थाना क्षेत्र के बस्ती जलाल निवासी शत्रुघ्न राय और भरत राय को सात-सात वर्ष के सश्रम कारावास और पांच-पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। दोनों आरोपियों को न्यायाधीश ने 324 भादवि में भी दोषी पाकर दो वर्ष के कारावास की सजा सुनाई। सभी सजा एक साथ चलेगी। दिघवारा थाना क्षेत्र के बस्ती जलाल के ही इंद्रजीत राय ने घातक हथियार व बंदूक से रामदेव राय को बुरी तरह जख्मी करने तथा उसे और जितेन्द्र व उसके चाचा केदार राय को जख्मी करने का आरोप लगाते हुए दिघवारा थाना कांड संख्या 35/89 से प्राथमिकी दर्ज करायी थी। इसमें भरत राय, विरेन्द्र राय और शत्रुघ्न राय को नामजद किया गया था। न्यायाधीश ने अर्थदंड की आधी राशि जख्मियों को भी दिये जाने का निर्देश दिया। अभियोजन की ओर से अपर लोक अभियोजक प्रियरंजन सिन्हा ने इस मामले में पक्ष रखा। उधर अपर सत्र न्यायाधीश एकादश दुर्गेशमणि त्रिपाठी ने हत्या मामले में दोषी पाकर मां-बेटा को सजा सुनाई। सजा पाने अभियुक्त परसा थाना क्षेत्र के परसा पोझी निवासी दुर्गावती देवी और निर्मल तिवारी हैं। इनपर गांव के ही शीलानाथ तिवारी के पुत्र रविरंजन तिवारी की हत्या लाठी से मारकर करने का आरोप था। इस सिलसिले में परसा थाना कांड संख्या 41/06 से शीलानाथ तिवारी ने प्राथमिकी दर्ज करायी थी। पीएमसीएच ले जाने के क्रम में रास्ते में ही रविरंजन तिवारी की मौत हो गयी थी। न्यायाधीश ने दोनो अभियुक्तों को आजीवन कारावास और दस-दस हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड नहीं देने पर एक वर्ष के साधारण कारावास की सजा होगी।