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नोखेश्वर महादेव की महिमा अपरंपार

सरायरंजन प्रखंड के हर¨सगपुर गोस्वामी मठ स्थित नोखेश्वर धाम की महिमा अपरंपार है। प्रखंड मुख्यालय से महज दो किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में नोखेश्वर महादेव स्थापित हैं।

By Edited By: Published: Wed, 27 Jul 2016 10:22 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jul 2016 10:22 PM (IST)
नोखेश्वर महादेव की महिमा अपरंपार

समस्तीपुर। सरायरंजन प्रखंड के हर¨सगपुर गोस्वामी मठ स्थित नोखेश्वर धाम की महिमा अपरंपार है। प्रखंड मुख्यालय से महज दो किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में नोखेश्वर महादेव स्थापित हैं। यूं तो वर्ष भर यहां आनेवाले श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, पर बसंत पंचमी, महाशिवरात्रि एवं पूरे श्रावण माह में इस स्थान की अहमियत बढ़ जाती है। इन दिनों में बड़ी संख्या में श्रद्धालु नोखेश्वर महादेव का जलाभिषेक करते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु यहां सच्चे मन से महादेव की अराधना करतें हैं उन्हें मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।

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मंदिर का इतिहास

मंदिर के इतिहास के बारे में कहा जाता है कि गांव निवासी सिद्ध संत शिव भक्त नोखेश्वर गिरि उर्फ गोपाल बाबा को जिन्दगी के आखिरी पड़ाव पर भोलेनाथ ने स्वप्न में दर्शन दिया और कहा कि तुम्हारे जीवन का अंतराल आ चुका है। तुम अपने पैतृक गांव में एक शिव¨लग की स्थापना करो। स्वप्न में भोलेनाथ के मिले आदेश को गोपाल बाबा भला कैसे नकारते। सो उन्होंने स्वप्न देखने के अगले ही दिन वर्ष 1995 में शिवरात्रि के दिन मंदिर की आधारशिला रख दी। और ठीक एक वर्ष बाद यानि अगले शिवरात्रि के दिन 12 फरवरी 1996 को विधिवत मंदिर में शिव¨लग की प्राण प्रतिष्ठा कर दी गयी। शिव¨लग स्थापित करने के एक माह बाद ही सिद्ध संत गोपाल बाबा का निधन हो गया। बाद में यह स्थान नोखेश्वर धाम के नाम से प्रसिद्ध हो गया। उनके अनुयायी आज भी बड़ी संख्या में पूर्वात्तर राज्यों यथा बिहार, बंगाल, उड़ीसा, असम, अरूणाचल आदि में निवास करते हैं। उनके अनुयायियों ने बाद में मंदिर परिसर में गोपाल बाबा की भी एक मूर्ति स्थापित कर दी। यहां आनेवाले भक्तजन समान रूप से बाबा भोलेनाथ एवं गोपाल बाबा की प्रतिमा पर जलाभिषेक करते हैं।

शिव¨लग की स्थापना के समय से ही यहां भोलेनाथ की नियमित अराधना हो रही है। हर वर्ष यहां अष्टयाम एवं नवाह संकीर्तन का आयोजन होता है। शादी-विवाह के मौसम में यहां विवाह संस्कार भी सम्पन्न कराये जाते है। बाबा दरबार से कोई भक्त खाली हाथ नहीं लौटता।

- अनिल कुमार गिरि, हर¨सगपुर

श्रावण मास में नोखेश्वर महादेव की महत्ता बढ़ जाती है। पूर्वोत्तर राज्यों से आकर भक्तजन यहां भोलेनाथ का जलाभिषेक करते हैं। अब तक जितने श्रद्धालुओं ने भोलेनाथ से मन्नते मांगी है, उनकी हर मुरादें पूरी हुई हैं। यहां आनेवाले श्रद्धालुओं में महिलाओं की संख्या अधिक होती है।

यहां से कोई निराश नहीं लौटता

गोस्वामी मठ हर¨सगपुर में स्थापित नोखेश्वर महादेव के विगत दो दशक से स्थानीय श्रद्धालुओं के आकर्षण का केन्द्र बना हुआ है। यहां कई पूर्वोत्तर राज्यों के भक्त आकर भोलेनाथ पर जलाभिषेक करते हैं। ऐसी मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से भोलेनाथ की शरण में आते हैं, वे कभी निराश नहीं लौटते। खासकर श्रावण मास में किये गये जलाभिषेक का फलाफल उन्हें अवश्य मिलता है।

- महंथ राजकिशोर, गावपुर


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