लालू को नीतीश से अलग होना चाहिए : रामविलास
खाद्यान्न को जमा कर रखता है। काश्मीर मुद्दे पर फारुख अबदुल्ला के भारत-पाक सीमा पर दिये गए उस बयान का विरोध किया है जिसमें उसने कहा कि पीओके भारत की निजी संपत्ति नहीं है।
समस्तीपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कालाधन के खिलाफ चलाये गए अभियान पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का समर्थन स्वागत योग्य है। विरोध कर रहे लोगों का अपना निजी स्वार्थ है। जबकि इस मुद्दे पर कई देशों का समर्थन पीएम को मिल रहा है। जनता को जो तकलीफ हो रही है। वह महज कुछ दिनों का है। देश की 93 फीसद जनता कालाधन के मुद्दे पर सरकार के साथ खड़ी है। यह कहना है खाद्य उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान का। वे रविवार को स्थानीय अतिथि भवन में बातें कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मेरा तो पूर्वानुमान है कि नीतीश सरकार ढ़ाई वर्षों से ज्यादा नहीं चलेगी। लेकिन वर्तमान में यदि नीतीश केन्द्र का सही से समर्थन कर रहे हैं तो लालू को नीतीश को समर्थन देने से अलग होना चाहिए। लालू जी कालाधन का किस कारण विरोध कर रहे हैं, यह स्पष्ट तो नहीं लेकिन बंदी का विरोध लोग कर रहे हैं। हर किसान अपने घरों में खुराकी के लिए खाद्यान्न को जमा कर रखता है। काश्मीर मुद्दे पर फारुख अबदुल्ला के भारत-पाक सीमा पर दिये गए उस बयान का विरोध किया है जिसमें उसने कहा कि पीओके भारत की निजी संपत्ति नहीं है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि काश्मीर मामले पर पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। विभागीय उपलब्धियों की चर्चा करते हुए केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि सबसे ज्यादा 86 फीसद अनाज बिहार को दे रहे हैं। जबकि यहां की सरकार सही ढंग से उसको लागू नहीं कर पा रही है। यहां आधार कार्ड भी हरेक लोगों को नहीं बन पाया है। जबकि कई राज्यों में यह पूर्ण हो चुका है। मौके पर सांसद रामचंद्र पासवान, जिलाध्यक्ष जितेंद्र कुशवाहा, पूर्व विधायक विश्वानाथ पासवान, उमाशंकर मिश्रा, हीरा ¨सह, नीरज भाद्वाज आदि मौजूद रहे।