लक्ष्मीपुर में बिखरेगी कोलकत्ता काली मंदिर की छटा
दुर्गापूजा में रोसड़ावासियों को घर बैठे काली मंदिर कोलकत्ता का नजारा देखने का अवसर प्राप्त होगा।
समस्तीपुर। दुर्गापूजा में रोसड़ावासियों को घर बैठे काली मंदिर कोलकत्ता का नजारा देखने का अवसर प्राप्त होगा। नगर क्षेत्र के वार्ड-17 स्थित दुर्गा मंदिर के ऊपर इस वर्ष उक्त मंदिर का छवि निर्माण किया जाएगा। इसके मद्देनजर पश्चिम बंगाल से आए पंडाल निर्माता कारीगरों द्वारा कार्य भी प्रारंभ कर दिया गया है। वहीं मां दुर्गा के संग अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियों को भी इस वर्ष विशेष रंग-रूप दिया जा रहा है। सुप्रसिद्ध शिल्पकार वासुदेव जी द्वारा दिन-रात प्रतिमाओं में अपनी कला पिरोने का कार्य जारी है।
तैयारियों की हुई समीक्षा
रविवार को नवयुवक दुर्गा पूजा समिति लक्ष्मीपुर के सदस्यों की बैठक भी मंदिर परिसर में आहूत की गई थी, जिसमें तैयारियों की समीक्षा हुई। पूजा समिति के सदस्यों के बीच कार्यों का बंटवारा हुआ। संजय कारक की अध्यक्षता में यह बैठक हुई। मौके पर सुरेश पूर्वे, पंकज प्रसाद, मनीष रजक, सुधीर कुमार तथा रंजीत कर्ण आदि उपस्थित थे।
16 वर्षों से होती है पूजा
शहर के वार्ड -17 स्थित पूजा स्थल पर विगत सोलह वर्षों से लगातार प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना जारी है। वर्ष 1990 में एक भगत जी द्वारा माता की प्रतिमा पहली बार स्थापित की गई थी। तब से यहां के युवाओं ने माता की प्रतिमा स्थापित कर आयोजन का बीड़ा उठा लिया है। वर्ष 1991 में ही नवयुवक दुर्गा पूजा समिति का गठन हुआ। विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जा रही है। इस स्थल पर भव्य मंदिर का निर्माण हुआ है। अब इस मंदिर में ही मां की प्रतिमा स्थापित कर पूजा-अर्चना की जाती है।
पंडालों में दिखेगी नक्काशी
समिति के सदस्यों की माने तो इस वर्ष दुधिया रोशनी के बीच पंडाल की भी सजावट देखने लायक होगी। लंबे-चौड़े पंडाल के अंदर मिथिला पें¨टग का नजारा दिखेगा। वहीं रौशनी की ऐसी व्यवस्था है कि रात में भी दिन का उजाला नजर आएगा। बाबा लाइट एवं पंडाल के कोलकत्ता से आए कारीगरों द्वारा इस ओर भी कार्य प्रारंभ कर दिया गया है।
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इस वर्ष माता की प्रतिमा को सुनहला मुकुट एवं भव्य सजावट कर विशेष आकर्षक बनाया जा रहा है। श्रद्धालु भक्तों की सुविधाओं का विशेष ख्याल रखा जाएगा। मां के दरबार में आने वाले सभी भक्तों के बीच प्रसाद के साथ-साथ शुद्ध पेयजल की भी व्यवस्था की जाएगी। इस वर्ष पूजा में तीन लाख खर्च का बजट है। जनसहयोग से ही प्रतिवर्ष यह धार्मिक अनुष्ठान संपन्न होता है। इस वर्ष मुहर्रम के कारण 13 अक्टूबर को विसर्जन किया जाएगा।
- संजय कारक, अध्यक्ष
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वैष्णवी दुर्गा माता की महिमा अपरंपार है। सच्चे मन से पूजा करने वाले भक्तों की मां निश्चित रूप से मनोकामना पूर्ण करती है। वैसे तो प्रत्येक दिन मां के दरबार में भक्तों का आना-जाना लगा रहता है। लेकिन, नवरात्रा में तो प्रथम दिन से ही श्रद्धालुओं की भीड़ रहती है।
- रंजीत कर्ण, पुजारी