राजस्व आधा, निबंधन भी आधा
अनुमंडल मुख्यालय के जिस रजिस्ट्री ऑफिस में पैर रखने की जगह नहीं मिलती थी, दिन भर लोगों की भीड़ लगी रहती थी।
समस्तीपुर। अनुमंडल मुख्यालय के जिस रजिस्ट्री ऑफिस में पैर रखने की जगह नहीं मिलती थी, दिन भर लोगों की भीड़ लगी रहती थी। प्रतिदिन लाखों रुपये का कारोबार होता था। शनिवार को उस ऑफिस में सन्नाटा पसारा हुआ है। यह स्थिति आठ नवंबर को हुई नोटबंदी के बाद बनी है। भूमि निबंधन कार्यालय का हाल बेहाल है। 9 नवंबर से ही रजिस्ट्री कराने वालों की भारी कमी है। जिस रजिस्ट्री ऑफिस में रोजाना लगभग 10-15 रजिस्ट्री होती थी। अब माह में सौ का भी आंकड़ा नहीं छू पा रही है। नोटबंदी से पूर्व करीब हर माह एक करोड़ का राजस्व आता था। वहां नोटबंदी के बाद हालात बदल गए हैं। नोटबंदी से पूर्व वर्ष 2016 के पांच माह में दिनांक 15 जून 2016 से सात नंवबर में कुल 2936 रजिस्ट्रियां हुई हैं। और लगभग छह करोड़ रुपये की राजस्व की प्राप्ति हुई थी। जबकि नोटबंदी क बाद आठ नवंबर से 16 मार्च 2017 में मात्र 1727 रजिस्ट्री हुई जिसमें मात्र तीन करोड़ रुपये की राजस्व की प्राप्ति हुआ।
स्टाम्प वेंडर भी बेहाल
यही हाल स्टांप वेंडरों का भी है। नोटबंदी के बाद रुपये में आई कमी की वजह से स्टांप वेंडरों का भी कारोबार चौपट हो गया है। एक स्टांप विक्रेता समझाते हुए कहते हैं, कोई व्यक्ति 40 लाख का मकान खरीदना चाहता है तो उसको कुल कीमत का 5 प्रतिशत स्टाम्प खरीदना पड़ेगा, यानि दो लाख का स्टांप। लेकिन रुपये की कमी के कारण लोग जमीन की खरीदारी में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं।
50 फीसदी की राजस्व में गिरावट
सरकार ने इस वित्तीय वर्ष में करीब पचास करोड़ राजस्व का लक्ष्य निर्धारित किया था है। लेकिन नोटबंदी के कारण वर्तमान में प्रतिमाह जो राजस्व औसतन राजस्व आता है। वह उस लक्ष्य को पूरा नहीं कर सकता है। जबकि अधिकारी की माने तो इस बार के वित्तीय वर्ष में एक नया लक्ष्य दिया जाएगा जो करीब 70 से 80 करोड़ हो सकती है। हालांकि मार्च माह में ये आंकड़ा तेजी से बढ़ता है। लेकिन, नवंबर में 16 मार्च तक मात्र तीन करोड़ का राजस्व रजिस्ट्री से आया है। अगर, स्थिति में सुधार नहीं हुआ, तो मार्च तक लक्ष्य को पाना मुश्किल हो जाएगा। इस तरह लगभग 50 फीसदी की राजस्व में गिरावट दर्ज की गई है।
वर्जन
फोटो :: 18 एसएएम 03
रुपये की कमी के कारण रजिस्ट्री पर तत्काल तो असर जरूर दिख रहा है। लेकिन, हालात में सुधार होगा। इस क्षेत्र में भी स्थिति बदलेगी। आगामी कुछ माह में अभियान चलाते हुए काम करना पड़ेगा। ताकि लक्ष्य को पाया जा सके। राजस्व का नुकसान न हो।
- पूनम कुमारी, भूमि उप समाहर्ता सह प्रभारी रजिस्टार।