वैनी में नहीं बुझती लोगों की प्यास
विकास के बड़े-बड़े दावे तो बताए जा रहे हैं। लेकिन, कुछ कड़वी सच्चाई इस दावों की पोल खोलकर रख देती है।
समस्तीपुर । विकास के बड़े-बड़े दावे तो बताए जा रहे हैं। लेकिन, कुछ कड़वी सच्चाई इस दावों की पोल खोलकर रख देती है। यह सच्चाई है वैनी बाजार की। जहां सार्वजनिक पेयजल का घोर संकट है। जो संपन्न लोग हैं वे तो बोतलबंद पानी खरीदकर अपनी प्यास बुझा लेते हैं। लेकिन, सामान्य लोग एवं गरीब गुरबो को किसी दुकान में जाकर गंदे डब्बे में जमा दूषित जल पीने को मजबूर होना पड़ता है। वैनी बाजार में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने को लेकर पंचायत प्रतिनिधि, विधायक एवं सांसद का ध्यान स्थानीय लोगों द्वारा दिलाया गया है। लोगों ने वैनी बाजार में जलापूर्ति योजना के माध्यम से शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए जल मीनार बनवाने की मांग तत्कालीन सांसद महेश्वर हजारी से की थी। उन्होंने वैनी में जलापूर्ति योजना की दिशा में पहल करने का आश्वासन लोगों को दिया था। साल दर साल बीतते गए लेकिन, आश्वासन की पूर्ति नहीं हो पाई। एक अनुमान के अनुसार लगभग तीन से चार हजार लोग वैनी बाजार के सड़क पर प्रतिदिन होते हैं। इनमें रिक्शा, टेम्पो, मैजिक, टमटम से यात्रा करने वाले प्रतीक्षारत यात्री, फुटपाथ एवं सब्जी मंडी में व्यापार करने वाले व्यापारी, किसान, मोटिया, मजदूर सहित अपने काम को लेकर विभिन्न कार्यालय में आने वाले लोग विभिन्न प्रकार के ग्राहकों की बड़ी संख्या सड़क पर होती है। चिलचिलाती हुई धूप एवं भीषण गर्मी में अपनी प्यास बुझाने के लिए जब ऐसे
लोग सड़क पर पानी की तलाश करते हैं तो इन्हें निराशा ही हाथ लगती है। बाजार का यह क्षेत्र चकले वैनी पंचायत के अंतर्गत आता है। पंचायत स्तर पर भी शुद्ध पेयजल के लिए जलापूर्ति योजना की दिशा में कोई प्रयास नहीं किए जाने से लोग क्षुब्ध नजर आते हैं। दर्जनों लोगों का कहना है कि सरकारी योजनाएं हवा हवाई हो जाती है। कोरे आश्वासन से मन की आस बुझाई जा सकती है। लेकिन, बिना जल के प्यास नहीं बुझ सकती है।