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संकीर्ण रास्ता से नहीं निकली अर्थी, आक्रोश

समस्तीपुर। अतिक्रमण के कारण संकीर्ण गली से अर्थी नहीं निकलने से आक्रोशित लोगों नें रोसड़ा-बटहा पथ को

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Jun 2017 11:22 PM (IST)Updated: Mon, 26 Jun 2017 01:52 AM (IST)
संकीर्ण रास्ता से नहीं निकली अर्थी, आक्रोश
संकीर्ण रास्ता से नहीं निकली अर्थी, आक्रोश

समस्तीपुर। अतिक्रमण के कारण संकीर्ण गली से अर्थी नहीं निकलने से आक्रोशित लोगों नें रोसड़ा-बटहा पथ को घंटों जाम रखा। सहियार बुर्ज स्थित दुर्गा मंदिर के निकट शव को बीच सड़क पर रख प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी की। गांव के भाग्य नारायण महतो (55) का निधन शनिवार को देर शाम हो गया था। रविवार की सुबह जब अर्थी को कंधा देकर लोग श्मशान की ओर जाने के लिए निकले तो अतिक्रमण के कारण संक्रीर्ण हुई गली से अर्थी निकालना संभव नहीं हो सका। पूर्व से अतिक्रमण के विरुद्ध जनप्रतिनिधि से लेकर महकमा तक को शिकायत दर्ज कराने के बावजूद अतिक्रमण नहीं हटने के कारण अर्थी नहीं निकलने से परेशान ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा। और गांव से गुजरने वाली मुख्य सड़क को जाम कर विरोध जताया। नौ बजे सुबह में सड़क पर उतरे ग्रामीण प्रशासन के विरुद्ध जमकर नारेबाजी कर रहे थे। गांव के रामाशीष महतो, सुनिल महतो, योगेन्द्र महतो, अमरजीत कुमार, हरदेव महतो, विनो महतो, ललिता देवी, राजकुमारी देवी, भोला महतो, कुमारी संजुला आदि ने एक स्वर से रास्ता की जमीन का अतिक्रमण करने का आरोप लगाते हुए लगातार शिकायत दर्ज कराने के बावजूद कार्रवाई नहीं होने पर असंतोष जता रहे थे। इस बीच स्थानीय जनप्रतिनिधियों के प्रयास एवं पुलिस पदाधिकारी द्वारा मोबाइल पर दिए गए आश्वासन के पश्चात शांत हुए ग्रामीणों ने जाम समाप्त कर पुन: मृतक के शव कंधा देकर श्मशान की ओर निकले।


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