खलिहान में गेहूं, नहीं खुली सरकारी दुकानें
समस्तीपुर। किसानों के खेत-खलिहानों में गेहूं की फसल पड़ी है, परंतु सरकारी एजेंसियों की दुकानें नहीं ख
समस्तीपुर। किसानों के खेत-खलिहानों में गेहूं की फसल पड़ी है, परंतु सरकारी एजेंसियों की दुकानें नहीं खुली। किसानों की ¨चता फसल के लिए बैंकों और महाजनों से लिए गए कर्ज को चुकाने के साथ-साथ बच्चों की पढ़ाई और शादी ब्याह में होने वाले खर्च को लेकर भी है। पर जिले में आलम यह है कि अभी तक क्रय केन्द्र खोलने की दिशा में अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वैसे महकमा गेहूं के समर्थन मूल्य पर बाजार भाव हावी रहने की भी एक वजह क्रय केन्द्र नहीं खुलने के लिए बता रहा है। वे यह भी कहते हैं कि किसान गेहूं अधिप्राप्ति के पेंचीदे व्यवस्था के झंझट में पड़ना भी नहीं चाहते हैं। सीधे गेहूं की मंडी में या धूमंतु व्यापारियों के हाथों बेच रहे हैं। सरकार ने 15 अप्रैल से गेहूं अधिप्राप्ति की घोषणा की थी लेकिन जिले में अभी एक किलो गेहूं की भी अधिप्राप्ति नहीं हो सकी है। क्योंकि एक भी क्रय केन्द्र ही नहीं खुला है। सरकार का समर्थन मूल्य 1525 रुपये प्रति ¨क्वटल है लेकिन बाजार में बिना किसी झंझट के किसानों को इससे अधिक कीमत मिल जाती है। पैसा भी हाथों हाथ मिल रहा है। सरकारी व्यवस्था बाजार मूल्य गिरने के इंतजार में है। बाजार मूल्य समर्थन मूल्य से कम होने की स्थिति में किसान अधिप्राप्ति केन्द्रों की ओर रूख करेंगे।
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पेंचीदे व्यवस्था से परेशानी
किसानों को अधिप्राप्ति के लिए बनाई गई पेंचीदे व्यवस्था से काफी परेशानी होती है। पहले तो उनकी उपज के गुणवत्ता को लेकर ढेरा ं खामिया निकाली जाती है। उसके बाद कागजात का फेरा भी किसानों को परेशान कर देता है। उनसे एलपीसी, मालगुजारी रसीद के साथ-साथ कई कागजात मांगे जाते हैं।
वर्जन
जिले में गेहूं के समर्थन मूल्य 1525 रुपये प्रति ¨क्वटल से अधिक दर खुले बाजार में है। इस लिए अधिप्राप्ति शुरू नहीं हुई है। जैसे ही बाजार मूल्य समर्थन मूल्य से नीचे गिरेगा अधिप्राप्ति शुरू कर दी जाएगी।
नयन प्रकाश जिला सहकारिता पदाधिकारी, समस्तीपुर।